नई दिल्ली – Digital Personal Data Protection Bill 2023 केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार (3 अगस्त) को लोकसभा में डाटा प्रोटेक्शन बिल 2023 पेश किया। नए डाटा प्रोटेक्शन बिल से सरकार सोशल मीडिया कंपनियों की मनमानी पर लगाम लगा सकेगी। बता दें जब भी कोई कंपनी किसी शख्स की निजी जानकारी को इकट्ठा करना चाहेगी तो इसके लिए उसे उस शख्स से इजाजत लेनी होगी।
केंद्र सरकार ने Digital Personal Data Protection Bill (पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल) का प्रस्ताव लाकर बच्चों के ऑनलाइन सुरक्षा को सुनिश्चित करने का प्रयास किया है। इस बिल के तहत 18 साल से कम उम्र के युवाओं के लिए कई नए नियम लागू किए जाएंगे। नए नियमों के अनुसार, बच्चों को अपने माता-पिता की सहमति के बिना सोशल मीडिया अकाउंट नहीं बनाने दिया जाएगा। इसके साथ ही टेक कंपनियों को बच्चों के डेटा को एक्सेस करने की इजाजत नहीं होगी।
जैसा कि इस प्रस्तावित बिल के अनुसार नियमानुसार, बच्चों को अपने माता-पिता की सहमति के बिना सोशल मीडिया अकाउंट बनाने की इजाजत नहीं होगी। इससे पहले बच्चों को अपने विभिन्न सोशल मीडिया अकाउंट्स पर पहचानित करने में कोई बाध्यता नहीं थी, जिससे इस्तेमाल किए जाने वाले डेटा को कंपनियों ने उनके बारे में अधिक जानने में सक्षम हो दिया था।
इसके साथ ही, बच्चों के डेटा के एक्सेस के लिए टेक कंपनियों को उनके माता-पिता से पहले अनुमति लेने की आवश्यकता होगी। यह उन्हें बच्चों के डेटा को निजी और सुरक्षित रखने में मदद करेगा।
सरकार ने इस नए नियम के तहत कोई भी टेक कंपनी को बच्चों के डेटा का उपयोग उन्हें टारगेट करने के लिए विज्ञापन दिखाने के लिए नहीं करने की इजाजत दी है। इस प्रयास के पीछे एक सटीक उद्देश्य है – बच्चों को ऑनलाइन विज्ञापनों के दुरूपयोग से बचाना।
इससे पहले बच्चों के इंटरनेट एक्सेस को नियंत्रित करने के लिए टीनेजर्स और उनके माता-पिता को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। बच्चों को इंटरनेट के सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं के बारे में शिक्षित करने और उन्हें ऑनलाइन सुरक्षित रखने के लिए माता-पिता जिम्मेदार हैं।
इस बिल के तहत बच्चों को एजुकेशन और ऑनलाइन एजुकेशन से जुड़ी वेबसाइटों और एप्स का इस्तेमाल करने में कोई बाधा नहीं होगी। वे अपने शिक्षा के लिए आवश्यकतानुसार इंटरनेट पर सामग्री देखने में स्वतंत्र हो सकते हैं। इसके साथ ही, सरकार ने कुछ शिक्षा आधारित वेबसाइटों को छूट भी दी है ताकि वे छात्रों के डेटा को सुरक्षित रख सकें।
युवा जनता के लिए यह नई पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल एक महत्वपूर्ण कदम है, जो बच्चों की सुरक्षा और डेटा की रक्षा के लिए सरकार द्वारा अदालती है। इसके माध्यम से, सरकार ने बच्चों के इंटरनेट उपयोग को नियंत्रित करने का प्रयास किया है और उन्हें अनुशासित और सुरक्षित रखने का प्रयास किया है।
इस बिल के नए नियम लागू होने के साथ, सभी संबंधित टेक कंपनियों को इसे व्यावसायिक और नैतिक दृष्टिकोण से पालना होगा, जिससे बच्चों के डेटा का गलत उपयोग न हो। यह समाज के लिए एक सकारात्मक चरण है, जो हमारे युवा जनता को इंटरनेट के जोखिम से बचाने में मदद करेगा।
इस बिल के नियम लागू होने से पहले युवा जनता, माता-पिता, और टेक कंपनियों को नए नियमों के बारे में जागरूक होने की आवश्यकता है। युवा जनता को इंटरनेट का सकारात्मक और सुरक्षित इस्तेमाल सिखाने में माता-पिता और शिक्षकों का सहयोग करना चाहिए। टेक कंपनियों को युवा जनता के डेटा को सुरक्षित रखने के लिए निष्पक्ष और उचित उपायों का पालन करना चाहिए।
इस बिल के अंतर्गत सरकार की ओर से नए नियम लागू होने से आंतरिक मंचों पर भी उचित संशोधन किए जाएंगे, जिससे बच्चों को ऑनलाइन अपशिष्ट वेबसाइटों से बचाया जा सके। युवा जनता के लिए सुरक्षित और सकारात्मक ऑनलाइन अनुभव को सुनिश्चित करने के लिए ऐसे प्रयासों का पूरा लाभ उठाना चाहिए।