Bijnor News: बिजनौर के धामपुर में कोतवाल अनुज तोमर धामपुर पुलिस बल के साथ नगीना हाईवे 74 पर कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए गस्त कर रहे थे। तब उन्हें हरिद्वार से गंगाजल लेकर गंतव्य की ओर जा रहे थक चुके पिता पुत्र मिले। उन्हें कांवड़ लेकर बरेली जाना है। उनसे चला नहीं जा रहा था। कोतवाल उनके पास पहुंचे और उन दोनों को अपनी सरकारी गाड़ी में बैठाया और खुद उनकी कांवड कंधे पर लेकर पैदल चल दिए। यह नजारा किसी राहगीर ने मोबाइल में कैद कर लिया।
बिजनौर जिले के धामपुर थाना के कोतवाल अनुज कुमार तोमर देर रात अपनी टीम के साथ नगीना रोड पर गस्त कर रहे थे। अचानक कोतवाल की नजर एक कांवड़ ले जा रहे पिता-पुत्र पर पड़ी, जो बुरी तरह थके हुए थे। सही से चल भी नहीं पा रहे थे। कोतवाल 3 किलोमीटर तक कांवड़ लेकर चलते रहे, जबकि उनकी सरकारी गाड़ी और उनका स्टाफ उनके पीछे पीछे चल रहा था।
सड़क पर यह नजारा देखकर किसी राहगीर ने उनकी वीडियो बना ली। लोग कोतवाल के इस काम की जमकर तारीफ करते हुए नजर आ रहे हैं। बताया जा रहा है की कांवड़िया बरेली के बारादरी का रहने वाला है। वह अपने 12 साल के बेटे के साथ हरिद्वार से जल लेकर आ रहा था। पिता-पुत्र ने कोतवाल को दिया धन्यवाद और उन्होंने कहा कि हम लोग काफी थक चुके थे। इस दौरान कोतवाल साहब ने हमारी मदद की। उन्होंने हमारी कांवड़ तीन किमी तक उठाई। हम लोगों को जलपान भी कराया है। उन्होंने हमारा पूरा सहयोग किया है।
कांवड़िएं की सहमति पर उठाई कांवड़
धामपुर कोतवाल अनुज तोमर ने बताया कि वह अपनी टीम के साथ देर रात को गस्त पर थे। तभी उन्होंने देखा की दोनों पिता पुत्र कांवड़ लिए आ रहे हैं, जो थके हारे दिख रहे थे। उन्होंने जाकर पूछा कि भोले में आपकी कुछ मदद कर सकता हुं। मैं कुछ दूर तक आपकी कांवड़ उठाऊ आपको कोई दिक्कत तो नहीं होगी, भोले की सहमति पर वह तिवड़ी बॉर्डर से धामपुर साईं मंदिर तक लगभग तीन किलोमीटर कांवड़ कंधे पर लेकर चले। दोनों पिता पुत्र को गाड़ी में बैठा कर मंदिर तक छोड़ दिया।