जयपुर: राजस्थान पुलिस ने प्रतापगढ़ जिले में ICICI बैंक में लगभग 2.50 करोड़ रुपये के घोटाले का पर्दाफाश करते हुए बैंक के प्रबंधक और एक हिस्ट्रीशीटर को गिरफ्तार किया है।
एसपी अमित कुमार ने बताया कि धरियावद में स्थित ICICI बैंक में हुए इस घोटाले में बैंक मैनेजर प्रशांत काबरा और उदयपुर के हिस्ट्रीशीटर जालम चंद जैन को गिरफ्तार किया गया है।
गबन की राशि से हिस्ट्रीशीटर ने उदयपुर-नाथद्वारा रोड पर एक फार्म हाउस खरीदा था।
मामला तब सामने आया जब 4 फरवरी को एक ग्राहक के खाते से 32 लाख रुपये निकाल लिए गए। बाद में जब बैंक के अन्य ग्राहकों के खातों की जांच की गई तो गबन की जानकारी हुई।
बैंक अधिकारियों ने 6 फरवरी को बैंक के प्रबंधक प्रशांत काबरा के खिलाफ थाना धरियावद में मुकदमा दर्ज कराया।
एसआईटी का गठन:
पुलिस ने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया और मैनेजर प्रशांत काबरा को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने वारदात करना कबूल कर लिया।
पूछताछ में सामने आया कि:
- कुछ समय पहले काबरा ने बैंक द्वारा दिए गए टारगेट को पूरा करने के लिए उदयपुर निवासी जालमचंद जैन के एफडी अकाउंट पर ओवरड्राफ्ट बनाकर राशि निकाली थी।
- जैन को इसकी जानकारी लग गई और वह काबरा को ब्लैकमेल कर रहा था।
पुलिस ने जालमचंद जैन को भी गिरफ्तार कर रिमांड पर ले रखा है।
खातों को फ्रीज कर 62 लाख रुपए होल्ड, 46 लाख रुपए जब्त:
- जांच में पाया गया कि विभिन्न खाता धारक जब बैंक में एफडी और के सीसी करवाते थे तो आरोपी उन खातों पर ओवरड्राफ्ट लिमिट बनाकर राशि को अपनी पत्नी दीपिका काबरा, जालम चंद जैन, उसकी पत्नी मन्जुला जैन, पुत्र राकेश जैन व उसकी फर्म पूजा कं स्ट्रक्शन के खातों में जमा कर गबन किया करता था।
- मामले की जांच के दौरान कुल 62 बैंक खातों को फ्रीज कर 62.71 लाख रुपए की राशि को होल्ड किया गया और आरोपी की निशानदेही से कुल 46 लाख रुपए जब्त किए गए।
बताया गया कि ये पूरा खेल बैंक के टारगेट को पूरा करने के लिए किया गया। सभी ने मिलकर फर्जी FD अकाउंट खोले और पुराने ग्राहकों के खातों से रुपए इनमें ट्रांसफर किए।
एसपी ने दी पूरी जानकारी, कैसे हुआ गबन:
- एसपी अमित कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि एक ग्राहक के अकाउंट से 32 लाख रुपए गायब होने के बाद रीजनल हेड मनोज बेहरानी की ओर से मालमा दर्ज करवाया गया था।
- एसपी ने बताया कि बीती 6 फरवरी को बैंक के रीजनल हेड मनोज बेहरानी द्वारा प्रकरण दर्जकरवाया गया था कि धरियावद शाखा के ब्रांच मैनेजर प्रशांत काबरा द्वारा निवेशकों की एफडी और के सीसी पर फर्जी तरीके से ओवरड्राफ्ट बनाकर राशि निकाल ली गई है और खाता धारकों के मोबाइल नंबर भी बदल दिए गए। यह राशि 2 करोड रुपए से भी ज्यादा हो सकती है।
यह घोटाला बैंकिंग सिस्टम में एक बड़ी खामी को उजागर करता है। बैंक को अपने ग्राहकों के पैसे की सुरक्षा के लिए बेहतर उपाय करने होंगे।