Baba Ramdev News: | भीलवाड़ा: राजस्थान के भीलवाड़ा में तीन दिन के प्रवास पर आए बाबा रामदेव अपने ही बयान पर विवादों में फंस गए हैं। उन्होंने शुक्रवार को बीजेपी सांसद और कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी की मांग की थी। दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रही महिला पहलवानों के समर्थन में बाबा रामदेव ने बृजभूषण सिंह को जमकर कोसा था। इस बयान के बाद योग गुरु रामदेव के खिलाफ श्री राजपूत करणी सेना ने भी मोर्चा खोल दिया। करणी सेना की ओर से धमकी भरे अंदाज में भीलवाड़ा में कार्यक्रम करने देने पर ही सवाल उठा दिए। इसके बाद शनिवार को रामदेव भी बैकफुट पर आते दिखाई दिए। उन्होंने करणी सेना के पदाधाकारियों के साथ मुलाकात की और राजपूत समाज के शौर्य और वीरता की कद्र करते हैं खेद जताया कि उन्होंने राजपूत समाज का कोई अपमान नहीं किया है।
Baba Ramdev ने बृजभूषण पर पहले क्या कहा?
स्वामी रामदेव ने भीलवाड़ा में मीडिया से बात करते हुए कहा था कि ‘कुश्ती संघ के अध्यक्ष भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह पर यौन शोषण के आरोप हैं। बहुत ही शर्मनाक बात है। ऐसे व्यक्ति को तुरंत गिफ्तार कर जेल की सलाखों के पीछे डाल देना चाहिए। वो रोज मां-बहन-बेटियों के बारे में बकवास कर रहा है। ये बहुत ही निंदनीय है, कुकृत्य है, पाप है।’
करणी सेना ने दी चेतावनी, कहा वो समय भूल गए जब महिलाओं के कपड़ों में भगना पड़ा
Baba Ramdev के इस बयान पर श्री राजपूत करणी सेना के पदाधिकारियों ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इस बयान पर माफी मांगने की बात कह डाली। श्री राजपूत करणी सेना की राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य विश्व बंधु सिंह राठौड़ ने चेतावनी देते हुए एक वीडियो बयान जारी किया। इसमें कहा कि ‘योगाचार्य स्वामी रामदेव के भीलवाड़ा आने पर मैं उनका स्वागत करता हूं लेकिन स्वामी रामदेव का जो स्टेटमेंट था वह हमारे दिल को ठेस पहुंचा गया है। स्वामी रामदेव तो न्यायाधीश बन कर आए हैं। मैं उनसे कहना चाहता हूं कि उनसे भी पहले कहीं बाबा हुए हैं, राम रहीम और आसाराम की दुकान आप से बड़ी थी। आज उनकी क्या हालत है। आप कैसे कह सकते हो बृजभूषण सिंह को उठाकर जेल में डाल दो। वो अपनी बात कहने के लिए संघर्ष कर रहा है।’ विश्व बंधु सिंह राठौड़ ने आगे कहा कि बाबा रामदेव अपने दिन भूल गए हैं जब रामलीला मैदान से महिलाओं के कपड़े पहन कर भागे थे।
बृजभूषण ने विज्ञापन से रोका तो दुश्मन बन गए
राठौड़ ने कहा कि स्वामी रामदेव का गुस्सा सांसद बृजभूषण सिंह से केवल पहलवानों से पतंजलि देशी घी के विज्ञापन को लेकर है। बिना परमिशन के विज्ञापन करने से रोका तो दुश्मन बन गए। उन्होंने कहा, ‘आप (रामदेव) थोड़ा योगा अपनी जबान पर रखो, नहीं तो तकलीफ में आ जाओगे। मैं फिर आप से अर्ज़ कर रहा हूं, इस बयान का खंडन नहीं किया तो आप भीलवाड़ा के अंदर अपना कार्यक्रम करके दिखा देना। यह राजपूत समाज है, करणी सेना है, मेरा हाथ जोड़कर निवेदन है आप दिल जोड़ने निकले हो दिल मत तोड़ो।’
करणी सेना के विरोध के बाद Baba Ramdev का जवाब, हम सूलट लेंगे
राजपूत करणी सेना के स्वामी रामदेव के खिलाफ बयान आने के बाद विवाद गहरा गया। विश्व बंधु सिंह राठौड़ के साथ करीण सेना के प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह पांसल और प्रदेश महासचिव सुरेंद्र सिंह मोटरास से रामदेव ने मुलाकात की। आरसी व्यास कॉलोनी स्थित स्वामी रामदेव के अस्थाई निवास पर इस मुलाकात के बाद स्वामी रामदेव का एक वीडियो सामने आया है। इसमें वह राजपूत समाज के शौर्य और बहादुरी की बात कह रहे हैं।
वीडियो में Baba Ramdev ने कहा कि ‘भाई विश्व हिंदू सिंह राठौड़ ने मुझे बताया कि मेने बयान में राजपूत समाज का विरोध किया गया है, यह बात सरासर गलत है। मैं स्वयं साधु होने के बाद भी कोई जाति नहीं रहती है मैं भी क्षत्रिय कुल में जन्मा हूं, मैं क्षत्रिय धर्म शौर्य और वीरता को समझता हूं जो अन्याय के खिलाफ लड़ता है। महाराणा प्रताप की शौर्य की बलिदान की जो बहुत बड़ी विरासत हमें राजपूत समाज से मिली है, उसका अनादर करने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता है। स्वामी रामदेव ने किसी भी प्रकार से राजपूत समाज का अपमान नहीं किया। यह बात यहीं खत्म होती है। रही बात कुछ बयानों की उनको लेकर के तो वह बयान अपनी जगह है हम सूलट लेंगे, ठीक कर लेंगे।’
बाबा रामदेव के एक विवादास्पद बयान के बाद राजपूत करणी सेना और प्रसिद्ध योग गुरु बाबा रामदेव (Baba Ramdev) के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। इस बयान से आक्रोश फैल गया है और दोनों पक्षों के बीच संघर्ष तेज हो गया है।
विवाद तब शुरू हुआ जब बाबा रामदेव ने पहलवानों के बीच चल रहे विवाद के बारे में टिप्पणी की और कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के समर्थन में आवाज उठाई। हालाँकि, उनकी टिप्पणियों ने राजपूत करणी सेना की कड़ी आलोचना की है, जो एक राजपूत समुदाय संगठन है जो राजपूत गौरव और परंपराओं की अटूट रक्षा के लिए जाना जाता है।
करणी सेना ने अपने राष्ट्रीय नेता विश्वबंधु सिंह राठौर के माध्यम से, बाबा रामदेव के बयान का खुले तौर पर विरोध करते हुए और निर्णय पारित करने के उनके अधिकार पर सवाल उठाकर तेजी से प्रतिक्रिया दी। राठौड़ ने कहा कि इस मामले में बाबा रामदेव का हस्तक्षेप अनुचित था और उन्होंने उन पर न्यायाधीश की भूमिका निभाने का आरोप लगाया। करणी सेना ने बाबा रामदेव से स्पष्टीकरण की मांग की और उनकी चिंताओं को दूर करने में विफल रहने पर उनके कार्यक्रमों को बाधित करने की चेतावनी दी।
Baba Ramdev द्वारा दिए गए बयान को कुछ लोगों ने राजपूत समुदाय के अपमान के रूप में देखा, जिसके बाद एक तीखी प्रतिक्रिया हुई। बाबा रामदेव के प्रति अपना गुस्सा और हताशा व्यक्त करते हुए, करणी सेना के समर्थकों के पोस्ट से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भर गए।
बढ़ते तनाव को कम करने के प्रयास में, Baba Ramdev ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए एक बयान जारी किया और राजपूत समुदाय की बहादुरी और वीरता के प्रति सम्मान व्यक्त किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनका अनादर करने का उनका कोई इरादा नहीं था और किसी भी गलतफहमी को दूर करने की कोशिश की जो उनकी पिछली टिप्पणियों से उत्पन्न हो सकती थी।
स्थिति अत्यधिक आवेशित बनी हुई है क्योंकि दोनों पक्ष अपने पदों पर अडिग हैं। राजपूत करणी सेना और बाबा रामदेव के बीच का संघर्ष सामुदायिक भावनाओं की संवेदनशील प्रकृति और सार्वजनिक हस्तियों के जिम्मेदार संचार के महत्व को रेखांकित करता है।
जैसा कि विवाद जारी है, यह देखा जाना बाकी है कि दोनों पक्षों को संतुष्ट करने वाले एक संकल्प तक पहुंचने के लिए बातचीत और बातचीत होगी या नहीं। अधिकारी क्षेत्र में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं।