राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के रुझानों में बीजेपी बहुमत की ओर बढ़ रही है। ऐसे में मुख्यमंत्री पद के लिए कौन होगा, यह पार्टी के आलाकमान का फैसला होगा। हालांकि, अभी तक इस पर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।
महंत बाबा बालकनाथ
राजस्थान में इस बार सबसे ज्यादा चर्चित नाम महंत बाबा बालकनाथ का है। उनकी तुलना उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ से की जा रही है और उन्हें ‘राजस्थान का योगी’ कहा जा रहा है। बीजेपी सांसद महंत बालकनाथ मस्तनाथ मठ के आठवें महंत हैं। बालकनाथ ओबीसी वर्ग से आते हैं। चर्चा है कि इस बार यूपी की तरह ही बीजेपी राजस्थान के इस योगी को भी मुख्यमंत्री की कमान सौंप सकती है।
दीया कुमारी
जयपुर के राजघराने से ताल्लुक रखने वाली दीया कुमारी का नाम इस रेस में तीसरे नंबर पर है। वे इस साल विद्याधर नगर से चुनावी मैदान में उतरी हैं और मौजूदा समय में सांसद हैं। दीया को राजस्थान में वसुंधरा राजे के विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है।
इनके भी नाम हैं चर्चा में
इन तीन नेताओं के अलावा भी कई ऐसे नाम हैं, जिनकी काफी चर्चा है। इसमें केंद्र सरकार में जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत का नाम भी शामिल है। वो जोधपुर लोकसभा सीट से सांसद है। उनकी राजस्थान में अच्छी पकड़ मानी जाती है। उनके अलावा राजस्थान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, सतीश पूनिया, राजेंद्र राठौड़, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, सांसद राज्यवर्धन राठौड़ जैसे बड़े नेता के नामों पर भी चर्चा की जा रही है।
आखिर कौन होगा मुख्यमंत्री?
इन सभी नामों में से कौन होगा मुख्यमंत्री, यह पार्टी के आलाकमान का फैसला होगा। हालांकि, अभी तक इस पर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।
संभव उम्मीदवार
अगर बीजेपी राजस्थान में अपनी पारंपरिक नीति को बदलना चाहती है और राजघराने के हाथों से सत्ता छीनना चाहती है, तो वह महंत बाबा बालकनाथ को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बना सकती है। बालकनाथ ओबीसी वर्ग से आते हैं और उनकी तुलना उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ से की जाती है। उनकी कड़ी कार्यशैली और साफ-सुथरी छवि को भाजपा पसंद आ सकती है।
अगर बीजेपी राजघराने के साथ अपनी नीति को जारी रखना चाहती है, तो वह दीया कुमारी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बना सकती है। दीया कुमारी जयपुर के राजघराने से ताल्लुक रखती हैं और उनके पास राजनीतिक अनुभव भी है।
अगर बीजेपी किसी नए चेहरे को मुख्यमंत्री पद पर देखना चाहती है, तो वह गजेन्द्र सिंह शेखावत, सीपी जोशी, सतीश पूनिया, राजेंद्र राठौड़, अर्जुन राम मेघवाल, ओम बिरला या राज्यवर्धन राठौड़ जैसे किसी अन्य नेता को भी चुन सकती है। इन सभी नेताओं के पास राजनीतिक अनुभव और नेतृत्व क्षमता है।
अंतिम फैसला पार्टी के आलाकमान का होगा।