जयपुर, 10 अक्टूबर : राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बिना किसी मुख्यमंत्री चेहरे के चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। हालांकि, पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को चुनावी अभियान में अहम भूमिका देने का फैसला किया है।
सूत्रों के अनुसार, भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने राजस्थान में वसुंधरा राजे की अहमियत को देखते हुए उन्हें बिना मुख्यमंत्री चेहरे के भी अहम भूमिका देने का फैसला किया है। राजे पार्टी के सबसे अनुभवी और लोकप्रिय नेताओं में से एक हैं। उनके नेतृत्व में भाजपा ने राजस्थान में 15 साल तक सरकार बनाई थी।
राजे को चुनावी अभियान में अहम भूमिका देने का मतलब है कि उन्हें टिकट वितरण और चुनावी रणनीति में अहम भूमिका दी जाएगी। इसके अलावा, वे प्रचार अभियान में भी पार्टी के सबसे बड़े चेहरे के रूप में सामने आएंगी।
राजे को अहम भूमिका मिलने से पार्टी के अंदर उनके समर्थकों में खुशी है। हालांकि, कुछ नेताओं ने इस फैसले पर सवाल उठाया है। उनका कहना है कि बिना सीएम चेहरे के चुनाव लड़ना पार्टी के लिए खतरा हो सकता है।
राजस्थान में भाजपा की स्थिति मजबूत है। पार्टी को यहां पर सत्ता विरोधी लहर का फायदा मिल सकता है। ऐसे में भाजपा को उम्मीद है कि बिना सीएम चेहरे के भी वह चुनाव जीत सकेगी।
राजस्थान की लगभग एक दर्जन सीटों पर पेच फंसा
भाजपा ने राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए टिकट वितरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। हालांकि, पार्टी के सामने राजस्थान की लगभग एक दर्जन सीटों पर पेच फंसा हुआ है। इन सीटों पर प्रदेश नेताओं की राय और केंद्रीय नेतृत्व की रिपोर्ट में मतभेद है।
इन सीटों में उदयपुर ग्रामीण, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, जैसलमेर, सिरोही, पाली, अलवर, धौलपुर और भरतपुर शामिल हैं। इन सीटों पर कई नेताओं ने दावेदारी पेश की है।
पार्टी के सूत्रों के अनुसार, इन सीटों पर फैसला लेने के लिए केंद्रीय नेतृत्व और प्रदेश नेतृत्व के बीच बैठक होगी। उम्मीद है कि जल्द ही इन सीटों पर भी टिकटों का ऐलान हो जाएगा।