राजस्थान की राजधानी जयपुर में हाल ही में हुए राजनीतिक उठापटक के बाद सिविल लाइन विधानसभा क्षेत्र से महापौर मुनेश गुर्जर ने विधायक प्रताप सिंह खाचरियावास के खिलाफ़ विधानसभा टिकिट पर दावेदारी जताने की तैयारी कर ली है। मुनेश गुर्जर, जिन्हें हाल ही में हाईकोर्ट ने महापौर पद पर बहाल करने का आदेश दिया था, अब विधायक पद की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।
मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर को एसीबी द्वारा रिश्वत लेते पकड़े जाने के बाद महापौर मुनेश गुर्जर की बर्खास्तगी का मामूला मामला बन गया था। हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ बर्खास्तगी को खारिज कर दिया और मुनेश गुर्जर को पुनः महापौर पद पर बहाल किया। इसके बाद मुनेश गुर्जर ने विधानसभा टिकिट पर दावेदारी जताने की तैयारी की है और उन्होंने प्रताप सिंह खाचरियावास के खिलाफ़ मोर्चा खोलने का फैसला किया है।
मुनेश गुर्जर के प्रशंसक उनके इस कदम को उनके नेतृत्व और साहस का प्रतीक मान रहे हैं। उन्होंने कहा, “हाईकोर्ट का फैसला मेरे और मेरे समर्थकों के लिए एक नया आयाम खोलता है। हम प्रताप सिंह खाचरियावास के खिलाफ़ उत्साहित हैं और उन्हें चुनौती देने के लिए तैयार हैं।”
विपक्ष में खड़े होकर मुनेश गुर्जर ने विधायक प्रताप सिंह खाचरियावास के कामकाज पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, “सिविल लाइन क्षेत्र के लोगों को विधायक के रूप में सही नेता की आवश्यकता है, जो उनकी समस्याओं को समझता हो और उनके विकास में योगदान करे। मैं उनके कामों की जांच करने के लिए तैयार हूँ और उन्हें सच्चे और प्रभावी नेतृत्व का महसूस कराने के लिए उनके सामने आएँगा।”
सिविल लाइन क्षेत्र में विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही यह महत्वपूर्ण संघर्ष जनमानस की तरफ से उच्च रुचि और उत्साह के साथ देखा जा रहा है। इस उद्घाटन के साथ ही सिविल लाइन क्षेत्र की जनता के पास एक नए नेता के रूप में मुनेश गुर्जर का परिचय भी हो रहा है, जो उनके विकास और प्रगति के लक्ष्य को साकार करने के लिए उत्साहित हैं।
इस महत्वपूर्ण चुनावी मार्ग में कैसे बदलते हैं हालात और क्या होता है इस मोर्चे की आगे की चुनौतियों का समाधान, यह समय ही दिखाएगा। जयपुर के नागरिक अब उन आगामी विधानसभा चुनावों की तरफ उत्सुकता और उन्नति के साथ देख रहे हैं।