जयपुर: कड़ाके की ठंड में जब लोग रजाई में दुबके हुए थे, तब मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा गुरुवार आधी रात को राजधानी जयपुर की सड़कों पर निकल पड़े। उनका मकसद था ठंड से जूझ रहे बेसहारा लोगों को राहत पहुंचाना और रैन बसेरों की हकीकत जानना। लेकिन जब उन्होंने अव्यवस्थाएं देखीं, तो अधिकारियों की नींद उड़ा दी और ठंड में भी उनके पसीने छुड़ा दिए।
सड़क किनारे सो रहे लोगों को ओढ़ाए कंबल
सीएम ने जेएलएन मार्ग, स्टेशन रोड, और टोंक रोड पर दौरा किया। इस दौरान उन्होंने देखा कि कई लोग सड़क किनारे ठंड में कांपते हुए सो रहे थे। कुछ रिक्शे में तो कुछ खुले आसमान के नीचे ठिठुर रहे थे। सीएम ने बिना हो-हल्ला किए खुद अपने हाथों से उन्हें कंबल ओढ़ाए। जो लोग सो रहे थे, उन्हें जगाए बिना ही राहत दी। यह नजारा देखकर वहां मौजूद लोगों ने कहा, “ऐसे नेता असली नायक होते हैं।”
रैन बसेरों की हालत देख गुस्साए सीएम
मुख्यमंत्री ने नगर निगम द्वारा बनाए गए रैन बसेरों का औचक निरीक्षण भी किया। लेकिन वहां की बदहाल स्थिति देखकर उनका पारा चढ़ गया। कई जगह गद्दे और रजाई गंदे थे, तो कहीं गर्म पानी और खाना जैसी जरूरी सुविधाएं गायब थीं। उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा, “अगर गरीबों की मदद नहीं कर सकते, तो यहां बैठे क्यों हो?”
अधिकारियों को दी सख्त चेतावनी
सीएम ने मौके पर ही नगर निगम अधिकारियों को बुलाकर जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि रैन बसेरों की व्यवस्था तुरंत दुरुस्त की जाए, वरना कार्रवाई होगी। उनकी सख्ती से अधिकारियों के पसीने छूट गए।
जनता ने की तारीफ
सीएम के इस कदम की सोशल मीडिया पर जमकर तारीफ हो रही है। लोग कह रहे हैं, “ऐसे ही नेताओं की जरूरत है, जो जनता की तकलीफ समझें और ठोस कदम उठाएं।” कई लोगों ने उनकी तुलना फिल्म ‘नायक’ के अनिल कपूर से कर दी।
गरीबों का सहारा बने सीएम
भजनलाल शर्मा ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वह केवल कुर्सी पर बैठने वाले नेता नहीं हैं, बल्कि जमीन पर उतरकर जनता की सेवा करने वाले सच्चे जनसेवक हैं। उनके इस कदम ने ठंड में ठिठुर रहे लोगों को राहत तो दी ही, साथ ही जनता के दिलों में उनके लिए इज्जत और बढ़ा दी।