Civil Lines Vidhan Sabha Seat: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रत्याशी गोपाल शर्मा ने आज कांग्रेस के वादों पर कड़ा प्रहार किया है। गोपाल शर्मा ने कहा कि कांग्रेस सरकार हमेशा से ही राम के अस्तित्व पर ही प्रश्न उठाती रही है और उनके तर्कों को बेहद अव्यावसायिक माना।
गोपाल शर्मा ने एक मीडिया संवाद में कहा, “कांग्रेस ने हमेशा राम जन्मभूमि पर सवाल उठाया है, और यह उनकी सनातन धरोहर के प्रति अनदेखा करने की कोशिश है।”
उन्होंने और भी कहा, “कांग्रेस ने न केवल रामसेतु को काल्पनिक बताया है, बल्कि वे लोग थे जो राम जन्मभूमि पर कभी शौचालय बनाने की बात कर रहे थे, और कभी अस्पताल। इससे साफ है कि उनकी नीतियाँ विरोधी हैं और उनका ध्यान विघ्नों में है।”
गोपाल शर्मा ने आगे कहा, “समय आ गया है कि जनता ऐसी सनातन विरोधी सरकार को उखाड़ फेंके और अपना करारा जवाब दे। हम एक समृद्ध और समृद्धि संवेदनशील भारत की दिशा में काम करने के लिए आगे बढ़ेंगे और जनता के साथ मिलकर उनकी आशाओं को पूरा करेंगे।”
यह वार्ता आयोजित किए गए पत्रकार सम्मेलन में हुई, जहां गोपाल शर्मा ने कांग्रेस के विरोध में अपने दृष्टिकोण को साझा किया। उन्होंने राम मंदिर और रामसेतु के महत्व पर भी चर्चा की, और जनता से इन मुद्दों पर सहमति मांगी।
इस पर जनता और राजनीतिक दलों में रुचि बढ़ रही है, और यह वक्त बताएगा कि इस बड़े बयान का कैसे प्रभाव होगा।
जयपुर की सिविल लाइंस सीट (civil lines assembly seat) प्रदेश की सबसे हॉट सीटों में से एक है. यहां के वर्तमान विधायक और प्रदेश सरकार में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास (pratap singh khachariyawas) को कांग्रेस पार्टी ने फिर से उम्मीदवार बनाया है. वहीं बीजेपी की तरफ से पत्रकार गोपाल शर्मा (gopal sharma) को प्रत्याशी बनाया गया है. इस बार सिविल लाइंस में मुकाबला इसलिए भी खास है क्योंकि एक तरफ प्रताप सिंह खाचरिवास पूर्व उपराष्ट्रपति और बीजेपी के दिग्गज नेता भैरोसिंह शेखावत के भतीजे हैं. तो दूसरी तरफ भैरोसिंह शेखावत को पितातुल्य मानने वाले बीजेपी के गोपाल शर्मा हैं जो एक जमाने में उनके काफी करीबी हुआ करते थे
ब्राह्मण वोटर्स का है दबदबा
सिविल लाइंस विधानसभा सीट पर करीब 2 लाख 35 हजार वोटर्स हैं. इनमें ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या करीब 55 हजार हैं जो जीत-हार में अपनी प्रभावी भूमिका निभाते हैं. यही वजह है कि बीजेपी हर बार यहां से किसी ब्राह्मण प्रत्याशी को ही अपना उम्मीदवार बनाती है. संख्या के लिहाज से इसके बाद मुस्लिम और अनूसूचित जाति के मतदाताओं का नंबर आता है. 25 हजार अनुसूचित जनजाति और 25 हजार मुस्लिम वोटरों की संख्या है. इसके अलावा 25 हजार वैश्य, 10 हजार राजपूत और 20 हजार माली मतदाता हैं. इस सीट पर 10 फीसदी मतदाता तो ऐसे हैं जो बाहरी राज्यों से आकर यहां रह रहे हैं. ऐसे में चुनाव में ऐसे मतदाताओं की संख्या भी हार-जीत तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली है