Jaipur Heritage Mayor : महापौर मुनेश गुर्जर गिरफ्तारी के डर से नदारद हैं। निवास पर सर्च में एसीबी को 12 जमीन पट्टों की फाइलें मिली हैं। शनिवार सुबह से गाड़ी लेकर निकली मेयर का मोबाइल स्वीच ऑफ आ रहा है।
जयपुर हेरिटेज नगर निगम की निलंबित की गईं मेयर मुनेश गुर्जर गिरफ्तारी के डर से गायब हैं। उनके निवास पर सर्च में एसीबी को 12 जमीनों के पट्टों की फाइलें मिली हैं। इनमें दो पट्टों की फाइलें और दो लाख रुपये रिश्वत प्रकरण से जुड़ी बताई जा रही हैं। नगर निगम ऑफिस की फाइलें घर पर मिलना भी बड़े सवाल खड़े कर रहा है। एसीबी टीम के उनके निवास से जाने के कुछ देर बाद ही शनिवार सुबह खुद की गाड़ी लेकर मेयर घर से निकली थीं, उसके बाद से मोबाइल फोन भी बंद आ रहा है।
जयपुर के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि दो नगर निगम हेरिटेज और ग्रेटर हैं। दोनों में OBC की महिला महापौर चुनी गईं। दोनों के पति, करप्शन और पॉलिटिक्स में शामिल रहे। विवादों में आई दोनों महिला महापौर निलम्बित हो चुकीं हैं। मुनेश गुर्जर कांग्रेस से हैं। जबकि ग्रेटर की मेयर बीजेपी से हैं। दोनों महापौर के खिलाफ गंभीर मुकदमें अलग-अलग वक़्त में दर्ज हुए। खास बात यह भी है कि दोनों मेयर की निगम आयुक्त और अपनी पार्टी के नेताओं से पटरी नहीं बैठी।
रात 1:45 बजे आदेश निकालकर निलंबित किया
राजस्थान सरकार ने नगर निगम हेरिटेज महापौर मुनेश गुर्जर को शनिवार-रविवार की रात 1:45 बजे आदेश निकालकर निलंबित कर दिया। पट्टे जारी करने की एवज में पैसे लेने के मामले में उनके पति सुशील गुर्जर के साथ मेयर मुनेश गुर्जर की भूमिका प्रथम दृष्टया संलिप्तता वाली मानी गई है, क्योंकि फाइलों पर साइन करने की पावर मेयर को ही थी। बिना उनके साइन उनके पति यह काम अकेले नहीं कर सकते थे। जांच के बाद मामले में मेयर मुनेश गुर्जर की बर्खास्तगी के साथ ही गिरफ्तारी भी हो सकती है। एसीबी पूछताछ के लिए निलंबित मेयर मुनेश गुर्जर को बुला सकती है।
मंत्री खाचरियावास और विधायक रफीक खान रात को सीएम से मिलने पहुंचे
इस मामले को लेकर कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और विधायक रफीक खान भी रात 10:30 बजे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलने उनके निवास पहुंचे थे। उन्होंने सीएम को पूरे मामले की जानकारी दी और मेयर गुर्जर के घर से 40 लाख रुपये मिलने की जानकारी भी एसीबी और मंत्री-विधायक के जरिए सीएम तक पहुंची। सीएम आवास से जब स्वायत्त शासन विभाग के आला अधिकारियों के पास फोन पहुंचे, तो आनन-फानन में आधी रात मेयर के निलंबन आदेश जारी किए गए। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस की बात लगातार कहते आए हैं, इस इम्प्लीमेंटेशन में आदेश जारी किए गए, जिसका एक बड़ा मैसेज जनता में गया है कि भ्रष्टाचारी कोई भी हो, उसे पार्टी के आधार पर रिलीफ नहीं दिया जा सकता है। खुद मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी प्रेस वार्ता करके यही बात कही थी।
मुनेश गुर्जर से पार्षदों के साथ समर्थक नेताओं का भी किनारा
मुनेश गुर्जर के खिलाफ हेरिटेज नगर निगम के 44 पार्षद उतर आए हैं, जिन्होंने कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के निवास पर जाकर मुलाकात की और मेयर गुर्जर को बर्खास्त करने की मांग रखी है। खुद मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि पार्षदों ने कहा है अगर उन्हें बर्खास्त नहीं किया गया, तो पार्षद इस्तीफा दे देंगे, क्योंकि उनकी बदनामी होती है। मंत्री खाचरियावास ने कहा मेरे कहने पर यह मुनेश गुर्जर को मेयर बनाया गया था, वो वोट से मेयर नहीं बनी। मैंने ही उनका नाम दिया था, जिसे स्वीकार किया गया। लेकिन उन्होंने हमारी इज्जत की धज्जियां उड़ा दी। मैंने, विधायक रफीक खान और विधायक अमीन कागजी ने मिलकर एसीबी के सामने सबूत भी दिए, जिसका जवाब आज मिला है।