जयपुर : राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी की दूसरी सूची जारी होने के बाद बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी के गृह जिले चित्तौड़गढ़ में विरोध शुरू हो गया है। पार्टी ने यहां से दो बार से विधायक चंद्रभान सिंह आक्या का टिकट काटकर भैरौंसिंह शेखावत के दामाद नरपत सिंह राजवी को दिया है। आक्या समर्थकों ने इस फैसले पर नाराजगी जताते हुए सीपी जोशी के घर पर पत्थरबाजी की।
चंद्रभान सिंह आक्या समर्थकों का आरोप है कि सीपी जोशी के कारण ही आक्या का टिकट कटा है। उन्होंने कहा कि आक्या पिछले 10 साल से लगातार चित्तौड़गढ़ से विधायक हैं और उन्होंने क्षेत्र में काफी विकास कार्य किए हैं। लेकिन, सीपी जोशी ने उन्हें बर्खास्त करके राजवी को टिकट दिया है।
चंद्रभान सिंह आक्या समर्थकों ने रविवार को भी कई जगह सीपी जोशी का पुतला दहन किया। साथ ही शव यात्रा निकालकर विरोध जताया। सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। जिसमें लोग सीपी जोशी की शवयात्रा निकालते नजर आ रहे हैं।
चंद्रभान सिंह आक्या का टिकट कटने से समर्थक इस कदर खफा हैं कि उन्होंने सीपी जोशी के घर पर भी पत्थरबाजी कर दी। इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। इस विरोध को लेकर बीजेपी ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
क्या विद्याधर नगर से तैयार हुई विवाद की स्क्रीप्ट?
दरअसल, बीजेपी में कलह की ये शुरूआत जयपुर से शुरू हुई। बीजेपी ने पहली सूची में विद्याधर नगर से भैरोसिंह शेखावत के दामाद नरतपसिंह राजवी का टिकट काटकर राजसमंद सांसद दीया कुमारी को चुनावी रण में उतार दिया। इससे खफा राजवी ने बगावती सुर अख्तयार किए तो डैमेज कंट्रोल में जुटी बीजेपी ने उनको बीकानेर पूर्व या चित्तौड़गढ़ का ऑफर दिया।
राजवी को मिला टिकट तो मच गया बवाल
बीजेपी ने साल 2013 व 2018 में विधायक चुने गए चंद्रभान सिंह आक्या का टिकट काट दिया और राजवी को चित्तौड़गढ़ से चुनावी रण में उतार दिया। यहां राजूपतों को दबदबा है और यहां से राजवी तीन बार चुनाव लड़ चुके हैं। राजवी यहां से साल 1993 और 2003 में वे विधायक बने थे। लेकिन, साल 1998 के विधानसभा चुनाव में राजवी चुनाव हार गए थे। इधर, टिकट कटने से आक्या समर्थक बुरी तरह भड़ गए हैं।
राजस्थान विधानसभा चुनाव में बीजेपी को लग सकता है झटका
चंद्रभान सिंह आक्या के समर्थकों के विरोध से बीजेपी को राजस्थान विधानसभा चुनाव में झटका लग सकता है। आक्या के समर्थक अगर सीपी जोशी के खिलाफ बगावत कर देते हैं तो इससे बीजेपी के चुनावी समीकरण बिगड़ सकते हैं।
चंद्रभान सिंह आक्या के समर्थकों का कहना है कि अगर उन्हें बीजेपी से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो वे चुनाव में आक्या के समर्थन में उतर जाएंगे।