Vaibhav Gahlot: इसी साल होने वाले राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां तेज करनी शुरू कर दी है. एक तरफ जहां भाजपा में नेतृत्व के लिए उथल-पुथल मची है तो वही कांग्रेस में पिछले साल हुए हैं सियासी घमासान के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने किले मजबूत करने शुरू कर दिए
बीकानेर ईस्ट विधानसभा का पुराना इतिहास
2008 में कोलायत से अलग होकर बनी बीकानेर पूर्व विधानसभा सीट पर पिछले तीन चुनावों में बीकानेर की राजकुमारी सुश्री सिद्धि कुमारी ने अपने प्रतिद्वंद्वियों को बहुत बड़े अंतर से हराया है. ज्ञात रहे कि विधायक सिद्धि कुमारी के दादा श्री करणी सिंह जी बीकानेर से 6 बार सांसद रहे थे. इसे बीकानेर राजघराने के प्रति लोगों की आस्था या बीजेपी की प्रचंड लहर या फिर सिद्धि कुमारी का सरल स्वभाव कहे, पर सच तो यह है लोगों ने हर बार इन्हें बड़े अंतर से जीता कर विधानसभा में भेजा है. इसी के चलते, चाहे 2008 में डॉक्टर तनवीर मलावत हो या 2013 में बीजेपी से कांग्रेस में गए श्री गोपाल गहलोत या नोखा से बीकानेर की तरफ आकर चुनाव लड़ने वाले कन्हैयालाल हो, सिद्धि कुमारी को हर बार जनता का भरपूर प्यार और समर्थन मिला.
वैभव गहलोत क्यों लड़ सकते हैं बीकानेर पूर्व सीट से
बीजेपी के मजबूत गढ़ को हिलाने के लिए कांग्रेस को किसी बड़े चेहरे की दरकार है और इसी वजह से कयास लगाए जा रहे हैं कि माननीय मुख्यमंत्री अशोक जी गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत बीकानेर से चुनाव लड़ सकते हैं इस प्रयास से ना केवल बीकानेर पूर्व सीट बल्कि पूरे बीकानेर संभाग को साधने का प्रयास किया जा सकता है.