मीरा रोड, महाराष्ट्र – एक वाहनचालक पोस्टमैन को मुख्यमंत्री कोटे से घर दिलाने के नाम पर किये गए ठगी के मामले में 10 लाख रुपये की धोखाधड़ी का पर्दाफाश हुआ है। मीरा रोड क्षेत्र के रामदेव पार्क में निवास करने वाले प्रकाश बिरवाड़कर के साथ इस ठगी में शामिल होने वाले उनके स्कूल के मित्र सुरेश शेलार द्वारा ठगी की गई थी, जिसका मामला नवघर पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है।
सूत्रों के मुताबिक़, शेलार ने प्रकाश बिरवाड़कर को मुख्यमंत्री कोटे से विशेष आवास दिलाने का झांसा दिया और इसके बदले में 10 लाख रुपये की ठगी की। शेलार ने पहले तो प्रकाश बिरवाड़कर से 15,000 रुपये लिए, जिन्हें उन्होंने उनके घर के नाम पर जमा करवाया। बाद में, उन्होंने 7 लाख रुपये नगद और 3 लाख रुपये चेक के रूप में अधिक धन लिया।
प्रकाश बिरवाड़कर ने पुलिस को बताया कि सुरेश शेलार उनके स्कूल के दिनों के दोस्त हैं और उन्होंने उन्हें यह दावा किया था कि वह मुख्यमंत्री कोटे से विशेष आवास दिला सकते हैं। शेलार ने बिरवाड़कर से पहले कई बार मंत्रालय में जाने का आवाज़ दिया, लेकिन मुलाकात करवाने में विफल रहे। बिरवाड़कर ने इस मामले की जांच के लिए नवघर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई।
ठगों की चाल में आया सख्त आरोपी
इस मामले में मुख्य आरोपी सुरेश शेलार है, जिन्होंने प्रकाश बिरवाड़कर को मुख्यमंत्री कोटे से घर दिलाने का झांसा देकर धोखाधड़ी साजिश में शामिल किया। बिरवाड़कर के दोस्त से बने खेलने का बचपन का मित्र होने का दावा करने वाले शेलार ने उन्हें आश्चर्यजनक अवसर पर आकर्षित किया। उसने बिरवाड़कर को बताया कि वह उन्हें मुख्यमंत्री कोटे से घर दिला सकता है और इसके बदले में उसने पहले 15 हजार रुपए मांगे। धीरे-धीरे, उसने चेक और नकद दोनों ही रुपए ठगे और बिरवाड़कर की जिन्दगी को दुखद सच्चाई से झूलने में सफल रहा।
पुलिस की कार्रवाई और आरोपी की गिरफ्तारी
प्रकाश बिरवाड़कर ने नवघर पुलिस को अपने बेहद दुखद अनुभव की बात सुनाई, जिसके परिणामस्वरूप शेलार की गिरफ्तारी की गई है। आरोपी के साथ साथ उसके साथी भी पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए हैं। पुलिस उनकी विस्तृत जांच कर उनकी ठगी के पीछे के सच की पहचान करने में जुटी है।