मध्य प्रदेश : छिंदवाड़ा में बाबा बागेश्वर के भव्य दरबार की व्यवस्था की है। इसके लिए 25 एकड़ की जमीन रेंट पर ली गई है। यहां 3 वाटरप्रूफ डोम खड़े किए गए हैं। इसमें एक बार में एक लाख से ज्यादा लोग रामकथा सुन पाएंगे।
मध्य प्रदेश में चार महीने बाद चुनाव है। साधु-संत कथावाचक और हिंदुत्व हाई डिमांड में है। बीजेपी की हिंदुत्व वाली पिच पर कांग्रेस के कमलनाथ खुलकर खेलते हुए छिंदवाड़ा में 3 दिनों तक बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की रामकथा की यजमानी करेंगे। अब तक बाबा बागेश्वर बीजेपी नेताओं के कार्यक्रम में जा रहे थे। हालांकि, अब बाबा बागेश्वर को कांग्रेस भी अपने साथ दिखाने की कोशिश कर रही है।
छिंदवाड़ा में बाबा बागेश्वर का दरबार 5 से 7 अगस्त तक है। आज कलश यात्रा निकाली गई। कमलनाथ ने बाबा के भव्य दरबार की व्यवस्था की है। इसके लिए 25 एकड़ की जमीन रेंट पर ली गई है। यहां 3 वाटरप्रूफ डोम खड़े किए गए हैं। इसमें एक बार में एक लाख से ज्यादा लोग रामकथा सुन पाएंगे। इससे पहले सिमरिया में ही कमलनाथ ने 108 फीट ऊंची हनुमान मूर्ति और मंदिर बनवाया है। इसी मंदिर के पास बाबा बागेश्वर अपनी दरबार लगाने जा रहे हैं। ऐसा पहली बार होगा कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के लिए कोई कांग्रेसी नेता कथा का आयोजन करवा रहे हैं।
कमलनाथ ने बाबा की सभा के लिए छिंदवाड़ा ही क्यों चुना?
छिंदवाड़ा कमलनाथ का गढ़ है। कमलनाथ 7 बार छिंदवाड़ा से सांसद रह चुके हैं। अभी उनके बेटे नकुलनाथ सांसद हैं। छिंदवाड़ा जिले में 7 विधानसभा सीटें हैं। सभी सीटों पर कांग्रेस के ही विधायक हैं। 2018 में छिंदवाड़ा में एक भी सीट बीजेपी को नहीं मिली। शिवराज सिंह चौहान पिछले पांच महीने में करीब 4 बार छिंदवाड़ा आ चुके हैं। मार्च में शिवराज ने कहा था कि छिंदवाड़ा से ही कांग्रेस और कमलनाथ का अंत करेंगे।
शिवराज सरकार के सारे मंत्री ने बाबा के दरबार में लगाई हाजिरी
- फरवरी में छतरपुर के दरबार में खुद शिवराज सिंह चौहान पहुंचे।
- शिवराज सिंह के अवाला उनके मंत्री भूपेंद्र सिंह ने भी हाजिरी लगाई।
- अप्रैल में विदिशा में लगे दरबार में फिर शिवराज सिंह चौहान आए।
- इतना ही नहीं, विश्वास सारंग समेत शिवराज के कई मंत्रियों की पूरी लिस्ट है।
- इससे पहले शिवराज कैबिनेट के मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत और हरदीप सिंह डंग धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा करवा चुके हैं।
बाबा बागेश्वर का कब-कब कौन सा हुआ कार्यक्रम
- जुलाई 2022 में दतिया में बाबा बागेश्वर की कथा हुई। इसका आयोजन गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने करवाया।
- नवंबर 2022 में भिंद दंदरौआ धाम में कथा हुई। इसके आयोजक राज्य मंत्री ओपीएस भदौरिया थे।
- नवंबर 2022 में अशोक नगर में दरबार लगा। इसका आयोजन बीजेपी विधायक जजपाल जज्जी ने करवाया।
- दिसंबर 2022 में गढ़ाकोटा सागर में कथा हुई। इसके आयोजक PWD मिनिस्टर गोपाल भार्गव थे।
- मार्च 2023 में जबलपुर बाबा बागेश्वर पहुंचे। बीजेपी विधायक इंदू तिवारी ने कथा आयोजित की।
- मई 2023 में सागर और बालाघाट में कथा का आयोजन किया गया। इसे परिवहन मंत्री गोविंद सिंह और आयुष मंत्री राम किशोर नानो कावरे ने आयोजित किया।
- जून में मंदसौर में नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग के आयोजन में बाबा बागेश्वर पहुंचे।
मध्य प्रदेश में 90 फीसदी हिंदू आबादी
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश की आबादी 11 करोड़ है जिसमें 5.40 करोड़ मतदाता हैं। इन मतदाताओं में साढ़े चार करोड़ हिंदू हैं, जबकि मुसलमान मतदाताओं की तादाद 50 लाख है। यानी की राज्य में 90 फीसदी हिंदू जबकि मुसलमानों की तादाद करीब 7 फीसदी है। यानी जिसके खाते में हिंदू वोट जाएंगे वही सत्ता पर राज करेगा। ये बात शिवराज सिंघ और कमलनाथ जानते हैं, इसीलिए बाबा के सहारे, हिंदू और हिंदुत्व के सहारे आगे बढ़ रहे हैं। उन्हें पता है कि अगर बाबा का आशीर्वाद नहीं मिला, तो चुनाव जीतने की राह मुश्किल हो जाएगी।
हिंदुत्व के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी कांग्रेस
कांग्रेस साफ कर चुकी है कि वो भी हिंदुत्व के मुद्दे पर इस बार का चुनाव लड़ेगी, तभी कांग्रेस ने जबलपुर में नर्मदा पूजा अर्चना के साथ आगाज किया था। इसमें खुद प्रियंका गांधी भी आईं थीं। अब कमलनाथ अपने गढ़ में दिव्य कथा करवा रहे हैं, वो भी हिंदुत्व और हिंदू राष्ट्र का झंडा संभालने वाले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से। जाहिर है उनकी लोकप्रियता को अब कांग्रेस दिव्य कथा के रूप में भुनाने की कोशिश कर रही है
चुनावी साल में सत्ता का केंद्र बने बागेश्वर महाराज
बाबा के दिव्य दरबार में भक्तों की भीड़ पर सभी दलों की नजर है। कुछ महीनों में एमपी में विधानसभा के चुनाव हैं। ऐसे में बाबा का विरोध कथित तौर पर किसी भी दल को भारी पड़ सकता है। इस बात को कमलनाथ अच्छे से समझते हैं। पार्टी के कुछ नेताओं की राय अलग होने के बावजूद बागेश्वर सरकार से आशीर्वाद लेने गए हैं।
ये है सियासी गणित
ऐसे तो पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की प्रसिद्धि पूरे देश में है। उनका अच्छा-खासा प्रभाव बुंदेलखंड के इलाके में है। यह हिस्सा एमपी और यूपी में पड़ता है। एमपी में आने वाले बुंदेलखंड में विधानसभा की 24 सीटें हैं। इनमें से 10 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। सियासी जानकार मानते हैं कि कमलनाथ की नजर इन 24 सीटों पर है। अगर बाबा का आशीर्वाद मिल जाए तो उस इलाके में कुछ सीटें बढ़ सकती हैं।
किसके साथ रहेंगे बागेश्वर सरकार?
हालांकि, बागेश्वर सरकार ने कभी अपने सियासी पत्ते नहीं खोले हैं। वह इतना जरूर कहते रहे हैं कि जो हिंदू राष्ट्र की बात करेगा, हम उसके साथ रहेंगे। कमलनाथ से जब इसे लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि देश संविधान के हिसाब से चलती है। वहां के स्थानीय जानकार बताते हैं कि उस इलाके के दो कांग्रेस विधायकों से बाबा की नजदीकियां अधिक है। बाबा उनकी बातें भी मानते हैं। हालांकि कमलनाथ सिर्फ इसे पूजा पाठ का मामला बता रहे हैं। लेकिन सबकी नजर बागेश्वर सरकार पर है कि वह 2023 में किसके साथ रहेंगे।