सागर, मध्य प्रदेश: एमपी के सागर जिले में एक अद्भुत दृश्य देखने को मिला, जब नौ बेटियों ने अपने पिता को मुखाग्नि दी। बेटे का फर्ज निभाते हुए बेटियों ने अंतिम संस्कार किया। जिसे देखकर हर किसी की आंखें नम हो गईं।
बेटियों ने दिया कंधा, किया अंतिम संस्कार
यह घटना 10वीं बटालियन क्षेत्र निवासी रिटायर्ड एएसआई हरिश्चंद्र अहिरवार के निधन के बाद हुई। ब्रेन हेमरेज से उनका निधन हो गया। 9 बेटियों ने बेटों की तरह ही अपनी बच्चियों की परवरिश की। अब उन्हीं बेटियों ने बेटों का फर्ज निभाया।
बेटी ने कहा, पिता को बेटियों से था लगाव
बेटी वंदना ने बताया कि उनके पिता को अपनी बेटियों से काफी लगाव था। उनका कोई भाई नहीं है, इस कारण सभी बहनों ने एक साथ बेटी होने का फर्ज निभाने का फैसला किया। उनके पिता ही उनका संसार थे।
बुंदेलखंड में बेटियों का श्मशान घाट जाना वर्जित
बता दें कि बुंदेलखंड में बेटियों महिलाओं का शमशान घाट जाना वर्जित रहता है, लेकिन अब लोग समाज के बंदों को तोड़कर आगे आ रहे हैं। इस तरह से बेटियों के द्वारा पिता को मुखाग्नि देना दूसरे लोगों के लिए भी प्रेरणा है।
समाज के लोगों ने किया बेटियों का सम्मान
इस घटना के बाद समाज के लोगों ने बेटियों का सम्मान किया। उन्होंने कहा कि पुत्र ही सब कुछ नहीं होते। बेटियां भी बेटों की तरह ही अपने माता-पिता का फर्ज निभा सकती हैं।
यह घटना समाज के लिए एक प्रेरणादायक है। यह दर्शाता है कि बेटियां भी बेटों की तरह ही सक्षम हैं और वे अपने माता-पिता का ख्याल रख सकती हैं।