Bageshwar Dham: मध्य प्रदेश के बागेश्वर धाम के महंत पंडित धीरेंद्र शास्त्री का एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें वे समोसा खाते दिख रहे हैं। बाबा ने पहले खुद को और उनके अनुयायियों को प्याज और लहसुन खाने से मना किया था, लेकिन अब उनके इस कार्यवाही को लेकर उन्हें समोसा खाते हुए देखा गया है।
वीडियो में दिखाई देने वाले पंडित धीरेंद्र शास्त्री को खिलचीपुर के एक स्थान पर एक हाथ में समोसा और दूसरे हाथ में चाय दिख रही है। उन्होंने एक साथ दो समोसे खाए और चाय का स्वाद भी लिया। इससे पहले, उन्होंने भक्तों को प्याज और लहसुन खाने से मना किया था, उनके अनुयायी इन चीजों का सेवन नहीं करते थे।
इस वायरल फोटो और वीडियो के बाद उनके समर्थक भी उन्हें निशाने पर लेकर आ गए हैं। वे उन्हें दोषी ठहरा रहे हैं और कह रहे हैं कि यह सब झूठी प्रचार प्रसार की चाल है। उन्होंने कहा कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री द्वारा प्याज और लहसुन के सेवन से मना करने का सभी भक्तों को आदेश है, लेकिन उन्होंने खुद खाते हुए दिखा दिया है।
पंडित धीरेंद्र शास्त्री अक्सर अपनी कथाओं में भक्तों से प्याज लहसुन खाने के लिए मना करते हैं. पंडित धीरेंद्र शास्त्री प्याज लहसुन क्यों नहीं खाना चाहिए इसके जवाब में कहते हैं कि, प्याज को इसलिए नहीं खाना चाहिए क्योंकि प्याज राक्षस के मन से पैदा होता है. और प्याज से दुर्गंध बहुत ज्यादा आती है. प्याज खाने वालों पर हनुमान जी की कृपा नहीं हो पाती. देवताओं की कृपा नहीं होती. इसलिए प्याज और लहसुन नहीं खाना चाहिए. लेकिन राजगढ़ में पंडित धीरेंद्र शास्त्री खुद प्याज वाला समोसा खाते नजर आए. जिसका वीडियो भी सामने आया है.
कथा में बोले- समोसे बहुत ही स्वादिष्ट थे
एकांतवास से लौटने के बाद पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने पहली कथा राजगढ़ में की। चार दिन चले आयोजन में तीन दिन कथा और एक दिन दिव्य दरबार लगा। आखिरी दिन पंडित शास्त्री राजगढ़ स्थित प्रसिद्ध जालपा माता मंदिर में माता के दर्शन को पहुंचे थे। दर्शन के बाद पहाड़ी से नीचे उतरते समय उन्होंने सड़क किनारे एक छोटी सी होटल में समोसा देखा और अपनी कार रुकवा दी। पंडाल में पहुंचकर पंडित शास्त्री ने कहा- जालपा माता मंदिर से लौटते समय समोसे खाए, वे बहुत ही स्वादिष्ट थे।
समोसे की वजह कथा में लेट हुए धीरेंद्र शास्त्री
दरअसल, बात एमपी के राजगढ़ जिले की है, जहां धीरेंद्र शास्त्री 28 जून को कथा सुनाने पहुंचे थे। लेकिन कथा में पहुंचने के लिए वह लेट हो गए। देर से पहुंचने की वजह उन्होंने खुद भक्तों को कथा में बताया कि मैं आज कथा में समोसे की वजह से लेट आया हूं। उन्होंने कहा- रास्ते में समोसा खाने के लिए रुक गया था। इसलिए वहां समय लग गया।
बीच सड़क पर धीरेंद्र शास्त्री के एक हाथ में समोसा और दूसरे में चाय
बता दें कि धीरेंद्र शास्त्री की समोसा खाते यह तस्वीर भी सामने आई है। जिसमें वे कार में बैठे हैं। उनके एक हाथ में समोसा और दूसरे हाथ में चाय का डिस्पोजल है। इतना ही नहीं बागेश्वर धाम के महंत ने जिस दुकान की चाय पी और समोसा खाया उस दुकान के मालिक का बयान भी सामने आया है। जिसका नाम बीरम सिंह पवार है, बीरम ने कहा कि हमारे सौभग्य हैं कि बाबा ने मेरी दुकान का समौसा खाया। बाबा ने समोसों की तारीफ करते हुए मुझे आशीर्वाद दिया है।
धीरेंद्र शास्त्री की तारीफ के बाद बढ़ गई समोसा की बिक्री
सोमोसे की दुकान के मालिक बीरम ने बताया कि मेरी दुकान राजगढ़ में जालपा माता मंदिर के समीप है। बाबा यहां से जब 28 जून को कथा सुनाने के लिए निकले तो उनकी नजर मेरी दुकान पर गई। उन्होंने गाड़ी रोकी और मुझसे पूछा बेटा मिलेगी क्या, मुझे यकीन नहीं हुआ कि वह मेरे सामने हैं। मैं भागा-भागा गया और बोला हां गुरूजी है, उन्हें मैंने चाय दी और वह पीने लगे। इसी दौरान उनकी नजर समोसे पर गई और कहने लगे समोसा भी लादो। बाबा ने 4 समोसे लिए, एक को वह चाय के साथ खाने लगे। इसके बाद चाय-समोसे के उन्होंने 50 रुपए भी दिए। साथ ही कहा कि तुम्हारी दुकान के समोसे बहुत अच्छे हैं। अब मेरी दुकान खूब चल रही है, हर कोई यहां समोसा खाने के लिए आ रहा है।