बिहार के सिवान जिले के बंगरा उज्जैन गांव के निवासी और मशहूर लोकगायक आलोक पांडे गोपाल को राज्यपाल से सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान समारोह 14 जुलाई 2024 को पटना के श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित होने जा रहे “एक विवाह ऐसा भी” कार्यक्रम के 12वें संस्करण के अवसर पर संपन्न होगा।
आलोक पांडे गोपाल, जो सुरसंग्राम (महुआ चैनल) और दूरदर्शन किसान चैनल पर फोक स्टार “माटी के लाल” प्रतियोगिता के विजेता रहे हैं, को भारतीय लोक कला और संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए राज्यपाल श्री राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर द्वारा सम्मानित किया जाएगा। इस प्रतिष्ठित सम्मान से उनके प्रशंसकों में खुशी की लहर दौड़ गई है, और सोशल मीडिया पर बधाइयों की बाढ़ आ गई है।
आलोक पांडे गोपाल को पहले भी विभिन्न सम्मानों से नवाजा जा चुका है, जिनमें पूर्वांचल गौरव सम्मान, मदन मोहन मालवीय सम्मान, भिखारी ठाकुर सम्मान और महर्षि भृगु सम्मान शामिल हैं। इसके अलावा, उन्हें 2020 में लोक कला एवं संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत द्वारा दिल्ली के सत्य साईं ऑडिटोरियम में लॉर्ड बेडेन पॉवेल राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
आलोक पांडे गोपाल की गायकी ने न केवल देश में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उनकी पहचान बनाई है। उनके गीत “तू राजा बाबू हउवा” और “केहू केतनो दुलारी बाकी माई ना होई” सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुए हैं और यूट्यूब पर करोड़ों लोगों द्वारा देखे और सुने गए हैं।
अपने संगीत करियर की शुरुआत करने वाले आलोक पांडे गोपाल ने बचपन से ही अपने पिता और गुरु पंडित रामेश्वर पांडे से संगीत की बारीकियां सीखीं और बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) से संगीत गायन में शिक्षा प्राप्त की। उनके परिवार में संगीत की गहरी जड़ें हैं, उनके दादाजी पंडित जयनाथ पांडे, बड़े दादा पंडित बंशीवट पांडे, और अन्य परिवार के सदस्य भी संगीत के क्षेत्र में प्रतिष्ठित रहे हैं।
इस सम्मान को प्राप्त करने के बाद आलोक पांडे गोपाल ने अपने माता-पिता, गुरुजनों, परिवार जनों और शुभचिंतकों का धन्यवाद करते हुए इस उपलब्धि को देश के वीर जवानों को समर्पित किया, जो दिन-रात सीमा पर देश की रक्षा में तैनात रहते हैं।