राजपुर प्रखंड, बक्सर: मिथिलेश पाठक, जिन्हें समाज में उनके सामाजिक कार्यों और व्यवसायी योगदान के लिए पहचाना जाता है, ने अपने प्रयासों से बड़ी पहचान बनाई है। उन्होंने अपने जीवन में कई क्षेत्रों में योगदान दिया है और समाज के विकास में अपना योगदान देने का संकल्प लिया है।शिक्षा और आरंभिक जीवन:
मिथिलेश पाठक का जन्म 1981 में हुआ था और उनके माता-पिता हिंदू ब्राह्मण परिवार से थे। उनके पिता का नाम स्वर्गीय सुरेंद्र पाठक था, जिनका निधन उनके केवल 11 महीने की आयु में हो गया था। इसके बावजूद, उन्होंने अपनी मां के मार्गदर्शन में पढ़ाई की और शिक्षा में उन्होंने महत्वपूर्ण गुन विकसित किए। उन्होंने अपनी शिक्षा सिकठी उच्च विद्यालय और वाराणसी के डीएवी स्कूल से प्राप्त की।
व्यवसाय और सामाजिक कार्य
2003 में, मिथिलेश पाठक ने गुजरात के सूरत शहर में व्यवसाय शुरू किया, जो उनके लिए सफलता की ओर कदम बढ़ाने का माध्यम बना। उन्होंने अपने व्यवसाय में सफलता पाई और उनके परिश्रम के फलस्वरूप उनकी आर्थिक स्थिति सुधारी।
इनके व्यवसायी कदमों के साथ-साथ, मिथिलेश पाठक ने समाज में भी अपना योगदान देने का निर्णय लिया। उन्होंने गरीबों की मदद, कन्याओं की शादी, शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य सेवाएँ आदि के क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाई है।
संगठन कार्य:
2022 में, मिथिलेश पाठक ने श्री जीयर स्वामी जी महाराज के सानिध्य में एक बड़े महायज्ञ का आयोजन किया, जिसमें लाखों लोगों ने भाग लिया। इस महायज्ञ के माध्यम से वे समाज के लोगों के बीच अपने सामाजिक संगठन को प्रस्तुत करने का एक महत्वपूर्ण मंच बनाए रखते हैं।समृद्धि की दिशा में:
मिथिलेश पाठक का योगदान सिर्फ सामाजिक क्षेत्र में ही सीमित नहीं है, बल्कि वे भारत की सांस्कृतिक और आर्थिक उद्देश्यों की प्रोत्साहना देने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं। उनके प्रयासों से बक्सर जिले की गरिमा और समृद्धि में वृद्धि होने की दिशा में कदम बढ़ रहा है।
मिथिलेश पाठक के प्रति समाज की ओर से गहरा सम्मान और प्रशंसा की जा रही है, क्योंकि उन्होंने अपने प्रयासों और संघर्षों से न केवल खुद को साबित किया है, बल्कि समाज के विकास में भी योगदान दिया है। उनका उदाहरण आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत है, जो सामाजिक और आर्थिक स्तर पर अपने सपनों की पुर्ति करना चाहती हैं।