Asian Games 2023: चीन के हांगझोउ में आज से एशियन गेम्स की शुरुआत हो रही है. अरुणाचल प्रदेश से आने वाले भारत के वुशु एथलीट्स को वीजा नहीं देने पर भारत सरकार ने अपना विरोध जताया है, वहीं अब इस मामले पर स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) ने भी रिएक्ट किया है.
स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, एशियन गेम्स 2022 में हिस्सा लेने वाले तीन वुशु खिलाड़ियों के साथ हम खड़े हैं और इस वक्त उनका हम बहुत ख्याल रख रहे हैं. तीनों खिलाड़ियों की देखभाल साई हॉस्टल में की जा रही है.
बता दें कि एशियाई खेलों के लिए चीन का वीजा नहीं मिलने के बाद से वुशु खिलाड़ी मेपुंग लामगू से अरूणाचल प्रदेश में उनके परिवार वाले संपर्क नहीं कर पा रहे थे, जिससे वे काफी चिंतित हो गये थे. अरूणाचल प्रदेश की तीन वुशु खिलाड़ियों को हांगझोउ एशियाई खेलों के लिए चीन की यात्रा का वीजा नहीं मिला था जिसमें यह 20 वर्षीय मेपुंग लामगू भी शामिल थीं. 23 सितंबर की सुबह मेपुंग लामगू ने ट्वीट के जरिए साई हॉस्टल में रहने की बात कही, जिसके बाद साई ने भी खिलाड़ियों के समर्थन में ट्वीट किया.
केंद्रीय मंत्री और विदेश मंत्रालय ने भी चीन के फैसले की निंदा की
बता दें कि इस मामले पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी चीन के फैसले की निंदा की है. उन्होंने ट्वीट किया, अरुणाचल प्रदेश से हमारे वुशु एथलीट्स को चीन ने हांगज़ो में हो रहे एशियन गेम्स में शामिल होने के लिए वीज़ा नहीं दिया, मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं. वहीं भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारतीय नागरिकों के साथ जातीय या इलाक़ाई आधार पर भेदभाव वाले बर्ताव को हम अस्वीकार करते हैं और उसका लंबे समय से यही स्टैंड रहा है.
चीन ने अरुणाचल प्रदेश की तीन वुशु खिलाड़ियों को एशियन गेम्स के लिए वीजा देने से इनकार कर दिया है. यह फैसला चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश पर दावे को लेकर भारत के साथ चल रहे तनाव के बीच आया है. भारत का कहना है कि अरुणाचल प्रदेश उसका अभिन्न अंग है, जबकि चीन इसे अपना हिस्सा मानता है.
भारत सरकार ने चीन के इस फैसले को “भेदभावपूर्ण” बताया है और इसकी निंदा की है. स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने भी खिलाड़ियों के साथ खड़े होने का ऐलान किया है.