अमित शाह से मुलाकात के बाद बंट गए पहलवान, पहलवानों का आंदोलन जल्द ही समाप्त हो सकता है। जी हां, गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के कुछ घंटे बाद पहलवान साक्षी मलिक रेलवे की अपनी नौकरी पर लौट गई हैं। इसके बाद यह खबर आने लगी कि साक्षी ने आंदोलन से नाम वापस ले लिया है।
आंदोलन के साथ रेलवे की अपनी नौकरी पर लौटीं
हालांकि कुछ देर में साक्षी मलिक ने ट्वीट कर कहा कि ये खबर बिल्कुल गलत है। उन्होंने लिखा, ‘इंसाफ की लड़ाई में ना हम में से कोई पीछे हटा है, ना हटेगा। सत्याग्रह के साथ-साथ रेलवे में अपनी जिम्मेदारी को साथ निभा रही हूं। इंसाफ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी है। कृपया कोई ग़लत खबर ना चलाई जाए।’ उनके ट्वीट से साफ है कि वह प्रोटेस्ट के साथ अपनी नौकरी करेंगी। पहलवान साक्षी मलिक के साथ बजरंग पूनिया ने भी भारतीय रेलवे में ओएसडी (खेल) की अपनी नौकरी जॉइन कर ली है।
ये खबर बिलकुल ग़लत है। इंसाफ़ की लड़ाई में ना हम में से कोई पीछे हटा है, ना हटेगा। सत्याग्रह के साथ साथ रेलवे में अपनी ज़िम्मेदारी को साथ निभा रही हूँ। इंसाफ़ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी है। कृपया कोई ग़लत खबर ना चलाई जाए। pic.twitter.com/FWYhnqlinC
— Sakshee Malikkh (@SakshiMalik) June 5, 2023
प्रोटेस्ट में शामिल साक्षी मलिक ने लिया बड़ा फैसला
शनिवार देर रात दिल्ली में अमित शाह के घर पर पहलवान मिलने पहुंचे थे। आधी रात के बाद करीब 2 घंटे तक यह मीटिंग चली थी। संभावना जताई जा रही है कि विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया भी जल्द नौकरी पर लौट सकते हैं। पहलवानों ने गृह मंत्री के सामने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग की थी।
कुछ घंटे पहले शाह से पहलवानों की हुई थी मुलाकात
साक्षी मलिक के पति सत्यव्रत कादियान ने बाद में मीडिया से कहा कि गृह मंत्री शाह के साथ पहलवानों की बैठक बेनतीजा रही क्योंकि वे जैसा जवाब चाहते थे, वैसा नहीं मिला। बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ साक्षी, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया समेत कई पहलवान कई हफ्ते से प्रदर्शन कर रहे हैं। नाबालिग पहलवान के केस करने के बाद पॉक्सो ऐक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ था। 28 मई को प्रोटेस्ट में नया मोड़ आया। जब नए संसद भवन के उद्घाटन के दिन पहलवानों के साथ दिल्ली पुलिस की धक्कामुक्की हुई। पहलवानों को हिरासत में लिया गया। कुछ समय बाद ही दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर से पहलवानों का सारा सामान हटवा दिया। बाद में पहलवान अपने मेडल गंगा नदी में प्रवाहित करने के लिए हरिद्वार पहुंच गए। वहां किसान नेताओं ने मनाया तो 5 दिन का अल्टीमेटम दिया गया। अब गृह मंत्री से मुलाकात के बाद घटनाक्रम बदल गया है।
पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया रेलवे की ड्यूटी पर लौट रहे हैं. हालांकि, इन्होंने कहा है कि उनका संघर्ष जारी रहेगा. बता दें कि रविवार को प्रदर्शनकारी पहलवानों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. उन्होंने पहलवानों से लगभग 2 घंटों तक बातचीत की थी. इसके बाद आज प्रदर्शनकारी पहलवानों ने ये कदम उठाया है.
दिल्ली पुलिस ने भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की हैं, जिनमें एक प्राथमिकी नाबालिग पहलवान के आरोपों के आधार पर पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अधिनियम के तहत दर्ज की गई है. पुलिस ने 28 अप्रैल को कनॉट प्लेस पुलिस थाने में दो प्राथमिकी दर्ज की थीं, जिसमें एक में नाबालिग पहलवान के पिता द्वारा दी गई शिकायत पर बच्चों को यौन शोषण से संरक्षण दिलाने वाला पॉक्सो अधिनियम लगाया गया था, जिसमें दोषी पाए जाने पर सात साल तक की जेल की सजा होती है.
इसके बाद रविवार को बजरंग पूनिया सोनीपत स्थित मुंडलाना पंचायत में पहुंचे और आह्वान किया कि आज कोई फैसला नहीं लिया जाए। उन्होंने कहा कि जल्द ही सभी संगठनों को एक मंच पर लाकर बड़ी पंचायत बुलाई जाएगी। इस बारे में तीन-चार दिन में फैसला लिया जाएगा। फिर सभी को पंचायत के स्थान और समय के बारे सूचित कर दिया जाएगा। इसी पंचायत में अगला फैसला लिया जाएगा।
क्या बृजभूषण शरण सिंह पर होगी कार्रवाई?
अब इसके संकेत दिखाई देने लगे हैं। भाजपा में भी दो मत हैं। भाजपा में अब बृजभूषण शरण सिंह से हमदर्दी रखने वाले बहुत कम नेता हैं। यह मानने वालों की संख्या बढ़ रही है कि पहलवानों की शिकायत पर कोई कार्रवाई होनी चाहिए। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि बृजभूषण को इस तरह से मीडिया में नहीं आना चाहिए। बृजभूषण मामले को शांत करने का अवसर भी नहीं दे रहे हैं। उन्हें अयोध्या में 5 जून को रैली करने का दबाव बनाने का प्रयास नहीं करना चाहिए। कुछ दिन शांत रहते तो अच्छा था। सूचना एवं प्रसारण तथा खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी कुछ इसी तरह के संकेत दिया।