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Salasar Balaji Mandir चूरू, राजस्थान – सालासर बालाजी धाम में आस्था और भक्ति की एक अद्भुत मिसाल देखने को मिली जब भीलवाड़ा निवासी दिलखुश ओझा ने अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा बालाजी मंदिर को समर्पित करने का अनूठा संकल्प लिया। इस नेकनीयती को कानूनी जामा पहनाते हुए उन्होंने एक स्टाम्प पेपर पर एग्रीमेंट लिखवाया और उसे मंदिर के पुजारी नितिन पुजारी को सौंप दिया। इस अनोखे कदम से स्वयं पुजारी भी हैरान रह गए।img 20240925 wa00144843895422788020037

गायक कन्हैया मित्तल के भजन से मिली प्रेरणा

दिलखुश ओझा बताते हैं कि उन्हें यह प्रेरणा प्रसिद्ध भजन गायक कन्हैया मित्तल के एक भजन “कारोबार मेरो बालाजी चलावे” से मिली। इस भजन में बालाजी को अपना बिजनेस पार्टनर बनाने की बात कही गई है, जिससे ओझा इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अपनी आमदनी का एक हिस्सा बालाजी को समर्पित करने का निर्णय लिया।

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क्या है इस अनोखे एग्रीमेंट में?

इस एग्रीमेंट के अनुसार, ओझा जी अपनी विभिन्न स्रोतों से होने वाली आय का 5% हिस्सा सालासर बालाजी को समर्पित करेंगे। इसके अलावा, वे हर महीने अपनी आय का 2% हिस्सा भी बालाजी मंदिर या फिर सरकारी सेवाओं को दान करेंगे।

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सालासर पुजारी ने की भक्त की प्रशंसा

सालासर मंदिर के पुजारी नितिन पुजारी ने ओझा जी के इस नेक काम की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, “ये अधिवक्ता हैं और कानूनी जानकार हैं, मनोकामना पूरी होने पर अपनी इच्छा से इस शपथ पत्र पर हस्ताक्षर कर इसे पूरी विधि से सौंपा है। सालासर बालाजी में इस प्रकार का समर्पण और विश्वास दर्शाते हुए ओझा ने जो मिसाल कायम की है, वह सराहनीय है।”

सालासर बाला जी के प्रति भक्ति की अनूठी मिसाल

दिलकुश ओझा, जो कि एक वकील हैं और पिछले कई वर्षों से नियमित रूप से सालासर बालाजी के दर्शन के लिए आते हैं, उनकी बालाजी के प्रति अगाध आस्था और भक्ति देखते ही बनती है। उनके इस नेक कार्य से हर कोई प्रभावित है।

सालासर मन्दिर के नितिन पुजारी ने आगे कहा, “दिलखुश ओझा जी की बालाजी के लिए श्रद्धा तो देखते ही बनती है। उन्होंने तो बाकायदा स्टाम्प पेपर पर स्वतः ही बनवा के लाए और उसमें ये बात लिखवा दी है कि उनकी जो भी आमदनी होगी उसमें से कितना हिस्सा मंदिर को दान करेंगे। ऐसी नेकनीयती तो आजकल कम ही देखने को मिलती है।”

दिलखुश ओझा का यह कदम निश्चित रूप से दूसरों के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत बनेगा। यह दिखाता है कि सच्ची भक्ति और समाज सेवा में ही ईश्वर की सच्ची आराधना निहित है।

By khabarhardin

Journalist & Chief News Editor