Rice Export Ban: भारत सरकार ने पिछले दिनों गैर-बासमती चावल के एक्सपोर्ट पर पाबंदी लगा दी थी। यह फैसला भारतीय किसानों की खुशियों का कारण बन गया, जिन्हें यह नई सरकारी योजना अधिक मौके पर उनकी उपज को विश्व बाजार में अधिक मूल्य मिलने की उम्मीद दिलाती है। जो दूसरी ओर अमेरिका में गैर-बासमती चावल की आपूर्ति पर बुरे प्रभावों का कारण बना।
अमेरिका में बाजार में चावल की कमी के कारण खुदाई और आवक दोनों से ताजा चावल उपलब्ध नहीं हो रहा है। भारतीय गोल्डन बासमती और डबल चावल के एक्सपोर्ट बन्द हो जाने से अमेरिकी उपभोक्ताओं को उनके पसंदीदा चावल के लिए उठनी पड़ रही है।
यह निर्णय अमेरिका के डिपार्टमेंटल स्टोर्स को खरीददारों के ताजा चावल के लिए भागदड़ मचाने का कारण बन गया है। चावल खरीदने के लिए इतनी भीड़ उमड़ी है कि स्टोर्स ने ग्राहकों द्वारा खरीदे जा रहे चावल के बैग की संख्या पर लिमिट लगा दी है। कई स्टोर्स ने स्थिति को सामान्य बनाए रखने के लिए ‘प्रति परिवार केवल एक चावल बैग’ का नोटिस लगा दिया है, जिससे खरीददार अधिक चावल खरीदने से रोके जा रहे हैं।
एक अमेरिकी व्यापारी ने कहा, “हम रोज़ चावल के लिए इस स्टोर पर आते थे लेकिन अब हर बार यहां जाने के लिए भी बहुत लंबी कतारें खड़ी होती हैं। यह बिलकुल परेशान कर दिया है!”
इससे पहले अमेरिकी बाजार में भारतीय बासमती चावल की मांग अधिक थी, जिससे भारत के किसानों को अच्छे राजस्व का लाभ हो रहा था। लेकिन गैर-बासमती चावल के एक्सपोर्ट पर पाबंदी लगने से अमेरिकी उपभोक्ताओं को चावल की कमी का सामना करना पड़ रहा है। वे अब खुदाई के बजाय गैर-बासमती चावल को भी स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं।
इस मामले में अमेरिकी सरकार को भारतीय सरकार के साथ चर्चा करने की उम्मीद है, ताकि दोनों देशों के बीच चावल के व्यापार को फिर से शुरू किया जा सके और अमेरिकी उपभोक्ताएं अपने पसंदीदा चावल का आनंद ले सकें।
गैर-बासमती चावल के एक्सपोर्ट पर लगे बैन के बाद, अमेरिका में चावल की कीमतों में इजाफा होना अभी तक देखा गया है। यहां लोगों ने अपनी रोजमर्रा की खरीदारी में कटौती की है और इससे उन्हें निराशा हो रही है।
भारतीय चावल के एक्सपोर्ट पर बैन लगने के बाद, अमेरिकी उपभोक्ताओं को अब यह देखने की उम्मीद है कि उनकी सरकार जल्द से जल्द भारत के साथ वार्ता करेगी और दोनों देशों के बीच चावल के व्यापार को फिर से सुचारू रूप से चालू करने का समाधान निकालेगी।
चावल की कीमत में तेजी
इससे पहले ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि सरकार चावल की अधिकांश किस्मों के एक्सपोर्ट पर बैन लगाने की तैयारी कर रही है। इससे देश का 80 परसेंट चावल का एक्सपोर्ट प्रभावित हो सकता है। इससे देश में तो चावल की कीमत में गिरावट आएगी लेकिन दुनियाभर में चावल की कीमत बढ़ सकती है। पिछले दस दिन में देशभर में चावल की कीमत में 20 फीसदी तेजी आई है। इसकी वजह यह है कि देश में धान का उत्पादन करने वाले राज्यों में बारिश सही ढंग से नहीं हुई है।