कुंडाईम, गोवा: गोवा सिर्फ अपनी खूबसूरत बीचेस और पर्यटन स्थल के लिए ही नहीं, बल्कि अपनी गहरी आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक धरोहर के लिए भी जाना जाता है। अब इसी गोवा की आध्यात्मिक धरोहर को पूरी दुनिया में पहचान दिलाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है। ग्लोबल स्पिरिचुअल फेस्टिवल 2025 का आयोजन 19 जनवरी 2025 को दुबई में होने जा रहा है, जहाँ गोवा की आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक वैभव को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित किया जाएगा।
इस भव्य आयोजन का नेतृत्व करेंगे सद्गुरु ब्रह्मेशानंदाचार्य जी, जिनकी उपस्थिति और मार्गदर्शन से यह फेस्टिवल और भी खास बनने वाला है। कुंडाईम स्थित श्री क्षेत्र तपोभूमि गुरुपीठ में आयोजित एक कार्यक्रम में गुरुजी ने इस फेस्टिवल के बारे में जानकारी दी और कहा, “गोवा केवल घूमने की जगह नहीं, बल्कि यह एक ऐसी भूमि है जहाँ आध्यात्मिक गहराई और शांति का अनुभव होता है। हम इस फेस्टिवल के जरिए गोवा की आध्यात्मिक धरोहर को पूरी दुनिया के सामने लाएंगे।”
गोवा की आध्यात्मिक धरोहर को मिलेगा अंतरराष्ट्रीय मंच
स्वामीजी ने यह भी बताया कि गोवा की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक ताकत को अब वैश्विक पहचान मिलेगी। यहाँ की धार्मिक परंपराएँ, आध्यात्मिक स्थल और साधना की गहराई को दुनिया भर के लोग अब जान सकेंगे। यह फेस्टिवल ना सिर्फ गोवा के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक शांति और आत्म-ज्ञान का संदेश होगा।
क्या होगा खास इस फेस्टिवल में?
- इस फेस्टिवल में आध्यात्मिक जगत के बड़े-बड़े गुरु और विद्वान अपनी बातों से लोगों को प्रेरित करेंगे।
- गोवा की परंपराओं और संस्कृति को दिखाने वाले रंग-बिरंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।
- जीवन को और बेहतर बनाने के लिए कार्यशालाएँ और प्रेरणादायक सत्र आयोजित किए जाएंगे।
फेस्टिवल की आयोजन समिति
फेस्टिवल को सफल बनाने के लिए एक मजबूत टीम काम कर रही है, जिसमें विनायक शिगोंकर, रामेश फडते, सुजन नाइक, श्रिराज शेलार, और वंदित नाइक जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे हैं डॉ. स्वप्निल नागवेकर, जो इंटरनेशनल सद्गुरु फाउंडेशन के यूएई काउंसिल के अध्यक्ष हैं।
तो याद रखें तारीख: 19 जनवरी 2025, दुबई, यूएई!
यह फेस्टिवल गोवा की आध्यात्मिक धरोहर को दुनिया के सामने लाने का बेहतरीन मौका है। अगर आप भी शांति, ज्ञान और आध्यात्मिक अनुभव की तलाश में हैं, तो यह कार्यक्रम आपके लिए है। आइए, हम सब मिलकर इस ऐतिहासिक आयोजन का हिस्सा बनें और गोवा की दिव्य संस्कृति को पूरे दुनिया में फैलाएं।