क्या वकीलों की सुरक्षा को लेकर कोई सशक्त कानून नहीं है?
अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए अधिवक्ताओं का चिंतित होना लाज़मी नहीं है?
Advocate Strike Rajasthan:
दी बार एसोसिएशन जयपुर के नेतृत्व में साथी अधिवक्ता की नृशंस हत्या से व्यथित होकर अधिवक्ताओ की सुरक्षा को लेकर एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने की मांग को लेकर बार एसोसिएशन जयपुर से शहीद स्मारक तक अधिवक्ताओ द्वारा मौन जुलूस निकाला गया। अधिवक्ता विरेंद्र सिंह हुडील ने बताया राजस्थान सरकार से हमारी मांग है कि पेंडिंग पड़े अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम को शीघ्र लागू करे। जूलूस में बार एसोसिएशन जयपुर के अध्यक्ष कमल किशोर शर्मा, डिस्ट्रिक्ट बार अध्यक्ष विवेक शर्मा, संजीत सिंह चौहान, दी बार एसोसिएशन जयपुर के कार्यकारिणी सदस्य
सूर्यदेव सिंह तंवर, कृष्ण कुमार यादव,मंदीप सिंह शेखावत,कमलेश कुमार सभी अधिवक्ता शामिल रहे।
Advocate Strike Rajasthan: क्या है पूरा मामला
अधिवक्ता श्रीमान जुगराज चौहान अपना काम कर अपने घर लौटते हैं और रास्ते में ही दिनदहाड़े चाकू मारकर और पत्थर से दबाकर उनकी नृशंस हत्या कर दी जाती है।
क्या वकीलों की सुरक्षा को लेकर कोई सशक्त कानून नहीं है?
अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए अधिवक्ताओं का चिंतित होना लाज़मी नहीं है?
कई वर्षों से ऐसे कानून बनाने के लिए सरकार से बार काउंसिल अपील करता रहा है, पर लगता है सरकार ने इस और बेरुखी अपना रखी है।वर्तमान की यह हड़ताल इसी बात का नतीजा है। हड़ताल ,विरोध प्रदर्शन , बहिष्कार थक कर उठाए गए कदम है।विभिन्न बार काउंसिल अपनी बात पर अड़े हैं और अदालती कार्यों से विरत हैं।
दूसरी ओर इन कदमों से जहां अदालती व्यवस्था चरमरा रही है वहीं आम जनता का जीवन भी अस्त व्यस्त हो गया है।बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने राजस्थान सरकार से अधिवक्ता सुरक्षा नियम बनाने की अपील की है, वहीं विरोध समर्थक बार काउंसिलों को अतिशीघ्र मुद्दे का निराकरण कर पुनः अदालती कार्यवाही में जुड़ने का निर्देश दिया है।
प्रयत्न दोनों और से पुख्ता है,देखना यह है की कितनी जल्दी अदालतों में वापस कामकाज सुचारू रूप से हो पाता है!!
राजस्थान सरकार क्या कदम उठाती है?
क्या अधिवक्ता सुरक्षा कानून बनेगा या फिर भविष्य पर टाल दिया जाता है?