शिकागो, अमेरिका: अमेरिका के शिकागो शहर में विश्व धर्म संसद 2023 का उद्घाटन किया गया। इस समारोह में 80 से अधिक देशों के 10,000 से अधिक विविध धर्मों और संप्रदायों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। उद्घाटन समारोह का संबोधन अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक जैन आचार्य डॉ. आचार्य लोकेश मुनि ने किया।
समारोह में दुनियाभर के प्रतिनिधियों के साथ धार्मिक सद्भाव, आध्यात्मिक उत्थान, जलवायु परिवर्तन, अहिंसक समाज और अन्य विषयों पर चर्चा की गई।
आचार्य लोकेश ने कहा कि ऐसे ऐतिहासिक अवसर पर जैन धर्म और भारतीय संस्कृति का प्रतिनिधित्व करना उनके लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि विश्व इस वक्त अनेक चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिनमें से कुछ तो पूरी सृष्टि के लिए खतरा बनी हुई हैं। उन्होंने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और हिंसा ऐसे मुद्दे हैं जिनसे हर कोई जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि विभिन्न धर्मों, संप्रदायों, देशों और विचारधाराओं के लोग एक साथ आकर इन समस्याओं का समाधान निकाल सकते हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक मुद्दों के समाधान के लिए सर्वधर्म सद्भाव आवश्यक है।
आचार्य लोकेश ने कहा कि जैन धर्म अहिंसा और शांति का धर्म है। उन्होंने कहा कि जैन धर्म का संदेश है कि सभी प्राणियों के साथ दया और करुणा से पेश आना चाहिए। उन्होंने कहा कि जैन धर्म का संदेश है कि सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए।
समारोह में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य प्रमुख हस्तियों ने भी भाग लिया।
विश्व धर्म संसद एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन है जो हर पांच साल में आयोजित किया जाता है। इस सम्मेलन का उद्देश्य दुनिया के सभी धर्मों के नेताओं को एक मंच पर लाना और धार्मिक सद्भाव और शांति को बढ़ावा देना है।