सतीश कौशिक एक भारतीय अभिनेता, निर्देशक और निर्माता हैं जिन्होंने भारतीय फिल्म उद्योग में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनका जन्म 13 अप्रैल 1956 को भारत के हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के धनौंदा में हुआ था। कौशिक ने एक मंच अभिनेता के रूप में अपना करियर शुरू किया और बाद में फिल्मों में अभिनय के अपने जुनून को आगे बढ़ाने के लिए मुंबई चले गए।
कौशिक के अभिनय करियर की शुरुआत 1983 में शेखर कपूर द्वारा निर्देशित फिल्म “मासूम” से हुई। इसके बाद उन्होंने “राम लखन,” “कर्ज,” “मिस्टर इंडिया,” और “रूप की रानी चोरों का राजा” सहित कई फिल्मों में अभिनय किया। उन्होंने कई सफल टेलीविज़न शो में भी अभिनय किया, जिनमें “नया नुक्कड़” और “छोटी बड़ी बातें” शामिल हैं।
1993 में, कौशिक ने अनिल कपूर और श्रीदेवी अभिनीत फिल्म “रूप की रानी चोरों का राजा” से अपने निर्देशन की शुरुआत की। हालांकि फिल्म एक व्यावसायिक विफलता थी, कौशिक ने “हम आपके दिल में रहते हैं,” “मुझे कुछ कहना है,” और “तेरे नाम” सहित कई सफल फिल्मों का निर्देशन करना जारी रखा।
कौशिक एक सफल निर्माता भी हैं, जिन्होंने कई समीक्षकों द्वारा प्रशंसित फिल्मों का निर्माण किया है, जिनमें “तेरे नाम,” “मिलेंगे,” और “गैंग ऑफ घोस्ट्स” शामिल हैं। उन्होंने भारतीय फिल्म उद्योग में अपने योगदान के लिए कई पुरस्कार जीते हैं, जिसमें फिल्म “ब्रिक लेन” के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी शामिल है।
फिल्मों में अपने काम के अलावा, कौशिक ने “कैफ़ी और मैं” और “जानेमन” जैसे नाटकों का निर्देशन और निर्माण करने के लिए थिएटर में भी काम किया है।
फिल्म उद्योग में अपनी सफलता के बावजूद कौशिक विनम्र और जमीन से जुड़े रहे हैं। वह अपने दयालु स्वभाव और जमीन से जुड़े व्यक्तित्व के लिए जाने जाते हैं। कौशिक की शादी शशि कौशिक से हुई है और इस जोड़े के दो बच्चे हैं।
संक्षेप में, सतीश कौशिक एक बहु-प्रतिभाशाली व्यक्तित्व थे जिन्होंने भारतीय फिल्म उद्योग में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। एक अभिनेता, निर्देशक और निर्माता के रूप में उनके काम ने उन्हें उनके प्रशंसकों और सहयोगियों से सम्मान और प्रशंसा अर्जित की है। अपने काम के प्रति उनका समर्पण और जुनून आकांक्षी अभिनेताओं और फिल्म निर्माताओं की पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।
सतीश कौशिक के बारे में कुछ रोचक तथ्य इस प्रकार हैं:
फिल्म उद्योग में प्रवेश करने से पहले, कौशिक ने इंडियन एयरलाइंस के नई दिल्ली कार्यालय में क्लर्क के रूप में काम किया। वह एक अंशकालिक रंगमंच अभिनेता भी थे और उन्होंने विभिन्न नाटकों में अभिनय किया।
कौशिक को बॉलीवुड में पहला ब्रेक फिल्म निर्माता शेखर कपूर से मिला, जिन्होंने उन्हें 1983 की फिल्म “मासूम” में कास्ट किया।
कौशिक फिल्म निर्माता डेविड धवन के साथ अपने जुड़ाव के लिए जाने जाते हैं, जिन्होंने “साजन चले ससुराल,” “जुड़वा,” और “मुझसे शादी करोगी” सहित धवन की कई हिट कॉमेडी फिल्मों में अभिनय किया और उनका निर्देशन किया।
कौशिक ने हिंदी फिल्मों में अपने काम के अलावा तमिल, तेलुगु और कन्नड़ सहित कई दक्षिण भारतीय फिल्मों में अभिनय किया है।
कौशिक एक कुशल थिएटर निर्देशक भी हैं और उन्होंने कई सफल नाटकों का निर्देशन किया है, जिनमें “लिल अब्नेर” और “गैंग्स ऑफ मुंबई” शामिल हैं।
कौशिक एक प्रशिक्षित शास्त्रीय गायक हैं और उन्होंने कई संगीत समारोहों में प्रस्तुति दी है।
2010 में कौशिक को दिल का दौरा पड़ा और उन्हें एंजियोप्लास्टी करानी पड़ी। हालांकि, उन्होंने वापसी की और फिल्मों और थिएटर में काम करना जारी रखा।
कौशिक एक लेखक भी हैं और उन्होंने कई पटकथाएं लिखी हैं, जिनमें फिल्म “कर्ज” की पटकथा भी शामिल है।
2019 में, कौशिक ने फिल्म “छिछोरे” में एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति की भूमिका निभाई और अपने प्रदर्शन के लिए आलोचनात्मक प्रशंसा प्राप्त की।
कौशिक एक सामाजिक कार्यकर्ता भी और उन्होंने अपने गृहनगर धनौंदा, हरियाणा में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा देने की दिशा में काम किया था।