एण्डटीवी के शो ‘एक महानायकः डाॅ. बी. आर. आम्बेडकर‘ में मुख्य भूमिका के शानदार चित्रण के लिए जाने जाने वाले अथर्व एक बार फिर नए सोशल ड्रामा ‘भीमा‘ में बाबा साहेब की भूमिका में नज़र आएंगे। इस खास इंटरव्यू में उन्होंने अपने सफर, चुनौतियों और सह-कलाकार तेजस्विनी सिंह के साथ तालमेल के बारे में बताया।
ढाई साल तक भीमराव आम्बेडकर की भूमिका निभाने का आपका सफर कैसा रहा और अब ‘भीमा’ में आप फिर से वही किरदार अदा करके कैसा लग रहा हैं?
“नन्हे भीमराव आम्बेडर की भूमिका निभाना मेरे लिए एक संतोषजनक अनुभव रहा है और यह मेरी जिंदगी में एक बड़ा बदलाव लेकर आया है। ‘एक महानायक डाॅ. बी. आर. आम्बेडकर’ में ढाई साल तक उनका किरदार निभाना बेहतरीन रहा और मुझे उनकी शुरूआती जिन्दगी तथा बेमिसाल मजबूती का पता चला। बाबासाहेब कोई आम किरदार नहीं हैं, वह आशा और प्रेरणा का स्तंभ हैं। ‘भीमा’ के साथ मेरा वही सफर जारी रहेगा और मैं बाबासाहेब की आगे बढ़ने की कहानी तथा सामाजिक प्रभाव के बारे में जानूंगा। ऐसे व्यक्ति का किरदार निभाना सम्मान की बात है, जिसने न्याय और समानता की लड़ाई लड़ी। बाबासाहेब के आदर्श मुझे बड़ा प्रभावित करते हैं और मैं उनके मूल्यों को अपनाने की कोशिश करता हूँ।”
नन्हें भीमराव की भूमिका निभाने का सबसे चुनौतीपूर्ण पहलू क्या रहा, खासकर ‘भीमा’ में बाबा साहेब की भूमिका को लेकर?
“नन्हंे भीमराव से बाबासाहेब बनने तक के सफर ने मुझे उनकी ग्रोथ को समझने की चुनौती दी- मुझे मासूम होने से लेकर एक संकल्पित नेता बनने तक के उनके जीवन के बारे में जानकारी मिली। बाबा साहेब के भावनात्मक और बौद्धिक विकास को समझना महत्वपूर्ण था। वह सामाजिक चुनौतियों से जूझ रही भीमा (तेजस्विनी सिंह) का मार्गदर्शन करते हैं, इसलिये उनका विकास प्रामाणिक तरीके से दिखाना जरूरी था।”
एक बार फिर से वही भूमिका निभाने को लेकर क्या आप उत्साहित थे?
“ऐसे प्रेरणादायक लीडर की भूमिका निभाना बड़े ही सम्मान की बात है। पिछले ढाई साल से मैं इस मशहूर शो का हिस्सा हूँ और यह मेरा सौभाग्य है। जब मुझे पता चला कि भीमा के मेकर्स मुझसे बाबा साहेब की भूमिका अदा करवाना चाहते हैं, तब मैं बहुत खुश हुआ और तुरंत राजी हो गया। यह भूमिका बदलाव लाने वाली थी और मैं आभारी हूँ कि मुझे अपने परफाॅर्मेंस से उनकी विरासत के सम्मान का मौका मिल रहा है।”
भीमा के जीवन में आपकी भूमिका क्या होगी?
“बाबा साहेब अपने अधिकारों के लिये लड़ने और समाज में उचित जगह पाने के लिये भीमा का मार्गदर्शन करते हैं। इस शो में समाज की बुराइयों के खिलाफ भीमा की लड़ाई को बड़ी सावधानी से दिखाया गया है। अनेक अन्याय और भेदभाव सहने के बावजूद भीमा न्याय और समानता के लिये निडर होकर काम करती है।”
क्या आप तेजस्विनी के साथ अपने व्यवहार और सेट पर पहले दिन के बारे में बता सकते हैं?
“तेजस्विनी (भीमा) और मेरे बीच काफी अच्छा रिश्ता बन गया है! उनका उत्साह और समर्पण प्रेरित करने वाला है। सेट पर हमारा पहला दिन रोमांच से भरा था और उनकी एनर्जी से पूरा दिन खास हो गया। हम जल्दी ही दोस्त बन गये। हमने एक-दूसरे को अपनी कहानियाँ सुनाईं और हंसते रहे। उनके साथ काम करके खुशी मिल रही है और ‘भीमा’ से मुझे ऐसे और भी यादगार पल मिलने की उम्मीद है।”
इतने मशहूर व्यक्तित्व की भूमिका निभाते हुए लोगों की उम्मीदों को कैसे संतुलित करते हैं और साथ ही उसमें अपनी सोच को कैसे जोड़ते हैं?
“बाबासाहेब की भूमिका निभाना मेरे लिए एक बड़ी जिम्मेदारी है, जिसका मैं गहरा सम्मान करता हूँ। मैं उनके जीवन और आदर्शों के प्रति सच्चा रहता हूँ, लेकिन साथ ही अपनी सोच भी जोड़ता हूँ। उनके अनुभवों से व्यक्तिगत स्तर पर जुड़ना मुझे उनकी भावनाओं को ईमानदारी से दिखाने में मदद करता है। यह इतिहास का सम्मान करने के साथ-साथ उनके मानवीय पहलू, उनके डर, उम्मीदों और जीत को आज की पीढ़ी के साथ जोड़ने के बारे में है।”
मराठी टीवी के एक लोकप्रिय एक्टर के तौर पर, ‘भीमा’ ने आपके कॅरियर को कैसे आकार दिया है और इससे आपके भविष्य के प्रोजेक्ट्स को किस तरह प्रभावित किया है?
“‘भीमा‘ ने मुझे पहचान और सम्मान दिलाया है, जिससे नए अवसरों के द्वार खुले हैं। इस शो ने मेरी रुचि को इस दिशा में आगे बढ़ाया है, जहां मैं ऐसे कहानियों का हिस्सा बनना चाहता हूँ, जो प्रेरित करती हैं और सिखाती हैं।”
‘भीमा’ में अथर्व को बाबा साहेब की भूमिका में देखिये हर सोमवार से शुक्रवार, रात 8ः30 बजे एण्डटीवी पर!”