जलालपुर (सारण)। पूर्वी के जनक पंडित महेन्द्र मिसिर की जयंती समारोह इस वर्ष भी भव्य तरीके से मनाया गया। बिहार सरकार के कला एवं संस्कृति विभाग और जिला प्रशासन सारण के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध लोकगायक आलोक पाण्डेय गोपाल ने अपनी प्रस्तुति से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
लोकगायक आलोक पाण्डेय, जो महुआ चैनल के सुरसंग्राम उपविजेता और दूरदर्शन किसान चैनल के फोक स्टार माटी के लाल विजेता रह चुके हैं, ने महेन्द्र मिसिर द्वारा रचित अमर पूर्वी गीतों की शानदार प्रस्तुति दी। “जब से कन्हैया गईंलें”, “आहे आहे उधो”, “केहू केतनो दुलारी बाकी माई ना होई ” तू राजा बाबू हउवा जैसे लोकगीतों ने श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया।

मंत्री मंगल पाण्डेय हुए भावुक कार्यक्रम में बिहार सरकार के स्वास्थ्य एवं विधि मंत्री मंगल पाण्डेय की भी उपस्थिति रही। आलोक पाण्डेय की मां पर गाया गीत केहू केतनो दुलारी बाकी माई ना होई सुनकर वे भावुक हो गये उन्होंने लोकगायक आलोक की गायकी की सराहना करते हुए कहा कि भोजपुरी लोकसंगीत की यह धरोहर सदियों तक जीवंत रहेगी।
पारंपरिक लोकसंगीत को समर्पित यात्रा
आलोक पाण्डेय ने बताया कि उन्होंने संगीत की प्रारंभिक शिक्षा अपने पिता और गुरु पंडित रामेश्वर पाण्डेय से पाँच वर्ष की उम्र में प्राप्त की। आगे उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संगीत गुरुओं से विधिवत प्रशिक्षण लिया। उन्होंने सैकड़ों भोजपुरी फिल्मों में भी अपनी आवाज़ दी है और बिहार के पारंपरिक लोकसंगीत को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने अपने सांगीतिक मंच “अमर राग और थाती” के बारे में बताया, जो लोकसंगीत को संरक्षित करने और नई पीढ़ी तक पहुँचाने के लिए समर्पित है।
हर साल मनाया जाता है भोजपुरी दिवस
यह आयोजन हर वर्ष 16-17 मार्च को महेंद्र मिसिर जयंती समारोह (भोजपुरी दिवस) के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष के आयोजन में विशेष योगदान देने वाले पंडित महेन्द्र मिसिर समिति के मुख्य सदस्य पंडित मिश्र के पौत्र रामनाथ मिश्र, प्रपौत्र विनय मिश्रा, वंशीवट तिवारी समेत अन्य गणमान्य लोगों एवं जिला प्रशासन सारण के प्रति आलोक पाण्डेय ने आभार जताया।