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एनिमेटेड दुनिया के रंगीन किरदारों में हमेशा से ही एक खास जादू रहा है। ये नन्हे-मुन्हे किरदार बच्चों का मनोरंजन तो करते ही हैं, साथ ही साथ उनमें सकारात्मकता और जीवन के मूल्यों का संचार भी करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि क्या वाकई बच्चों के कार्टून सिर्फ मनोरंजन के साधन हैं? मशहूर लेखक और एनिमेटेड किरदारों के निर्माता नीरज विक्रम ने इस सवाल का चौंकाने वाला जवाब दिया है।

नीरज विक्रम, जिन्हें मोटू-पतलू, छोटा भीम और शिवा जैसे लोकप्रिय कार्टूनों के लिए जाना जाता है, का मानना है कि बच्चों के कार्टून सिर्फ मनोरंजन से कहीं ज्यादा हैं। उनका कहना है कि “बच्चों के कार्टून उनके जीवन का आईना होते हैं। इन कार्टूनों के माध्यम से हम बच्चों को नैतिकता, साहस, ईमानदारी और दयालुता जैसे मूल्यों को सिखा सकते हैं।”

**नीरज विक्रम आगे कहते हैं कि “आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में बच्चों के पास अपने माता-पिता और परिवार के साथ समय बिताने के लिए बहुत कम समय होता है। ऐसे में कार्टून उनके लिए दोस्त और शिक्षक बन जाते हैं।

नीरज विक्रम का मानना है कि कार्टून निर्माताओं का दायित्व है कि वे ऐसे कार्टून बनाएं जो न केवल बच्चों का मनोरंजन करें, बल्कि उन्हें प्रेरित भी करें। उनका कहना है कि “हमें ऐसे कार्टून बनाने चाहिए जो बच्चों को सपने देखने और उन सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करें।

नीरज विक्रम के इस बयान से यह बात स्पष्ट हो जाती है कि बच्चों के कार्टून सिर्फ मनोरंजन के साधन नहीं हैं, बल्कि वे बच्चों के जीवन को भी आकार देते हैं। इसलिए जरूरी है कि हम अपने बच्चों को ऐसे कार्टून दिखाएं जो उनके लिए अच्छे हों और उन्हें जीवन में सही राह दिखा सकें।

By khabarhardin

Journalist & Chief News Editor