सीहोर (मध्य प्रदेश): पिछले कुछ महीनों से, मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के रहने वाले प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा सुर्खियों में छाए हुए हैं। कभी विवादित बयानों के कारण, तो कभी राधारानी के मंदिर में नाक रगड़कर माफी मांगने के लिए। ऐसा लगता है कि पंडित मिश्रा विवादों से चर्चा में रहने की कला में माहिर हैं।
प्रारंभिक जीवन और करियर:
पंडित प्रदीप मिश्रा का जन्म 1980 में सीहोर में हुआ था। बचपन से ही उन्हें भक्ति और भजन में रुचि थी। गीता बाई पराशर नामक महिला ने उन्हें कथा वाचक बनने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने विठलेश राय काका जी से गुरुदीक्षा प्राप्त की और पुराणों का ज्ञान प्राप्त किया।
धीरे-धीरे पंडित मिश्रा एक प्रसिद्ध कथावाचक बन गए। वे मुख्य रूप से शिवपुराण की कथाएं सुनाते हैं और उपाय भी बताते हैं। ‘एक लोटा जल और समस्या का हल’ उनकी प्रसिद्ध वाक्य है। उनके सोशल मीडिया पर लाखों फॉलोअर हैं।
विवादों में घिरे:
हाल ही में, पंडित मिश्रा कई विवादों में घिरे रहे हैं। सबसे पहले, उन्होंने राधा-कृष्ण को लेकर कुछ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद लोगों ने उनसे नाराजगी व्यक्त की थी और उज्जैन में उनकी कथा का बहिष्कार भी किया गया था।
इसके बाद, उन्होंने राधारानी के मंदिर में जाकर माफी मांगी और नाक रगड़कर पश्चाताप किया। यह घटना भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई।
ट्रेंड के मुरीद?
कुछ लोगों का मानना है कि पंडित मिश्रा जानबूझकर विवादित बयान देकर चर्चा में बने रहते हैं। वे सोशल मीडिया ट्रेंड का फायदा उठाकर अपनी लोकप्रियता बनाए रखने की कोशिश करते हैं।
उनके आलोचकों का कहना है कि वे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले बयान देकर लोगों की भावनाओं से खेलते हैं।
क्या है सच?
यह कहना मुश्किल है कि पंडित मिश्रा सचमुच में एक कथावाचक हैं या वे केवल ट्रेंड का फायदा उठा रहे हैं।
उनके समर्थकों का कहना है कि वे केवल लोगों को सत्य का मार्ग दिखाना चाहते हैं और उनकी भक्ति को मजबूत करना चाहते हैं।
वहीं, उनके आलोचकों का कहना है कि वे धार्मिक भावनाओं का इस्तेमाल करके अपनी लोकप्रियता हासिल करना चाहते हैं।
पंडित प्रदीप मिश्रा निस्संदेह एक लोकप्रिय कथावाचक हैं, जिनके लाखों फॉलोअर हैं।
लेकिन, विवादों से जुड़े रहने की उनकी आदत ने उन्हें एक विवादास्पद व्यक्ति भी बना दिया है।
यह समय ही बताएगा कि वे आगे क्या करते हैं और क्या वे अपनी लोकप्रियता को बनाए रखने में सफल होते हैं या नहीं।