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तखतगढ़, राजस्थान: राजस्थान के तखतगढ़ के मशहूर संत युवाचार्य अभयदास जी महाराज एक बार फिर सुर्खियों में हैं, और इस बार वजह है उनका लव जिहाद पर दिया गया बयान। नवरात्रि के मौके पर जब पूरा देश गरबा और जगरातों में व्यस्त है, अभयदास जी का वीडियो सोशल मीडिया पर धूम मचा रहा है, जिसमें वो बेटियों को ‘गैर-मजहब शौहर’ से बचाने का रास्ता बताते नजर आ रहे हैं।

युवाचार्य अभयदास जी ने वीडियो में कहा, “हमारी बेटियों को पद्मिनियों का जौहर नहीं पढ़ाया गया, इसलिए वो गैर-मजहब के शौहर चुन रही हैं। अगर हमने उन्हें रानी पद्मिनी, खाड़ी रानी और पन्ना धाय का समर्पण सिखाया होता, तो आज वो किसी विधर्मी के साथ बहकावे में आकर अपना घर नहीं छोड़तीं।”

युवाचार्य अभयदास का लव जिहाद पर बयान : ‘बच्चियों को पद्मिनियों का जौहर पढ़ाओ, गैर-मजहब का नही चुनेगी शौहर’

बस, इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर लोग दो खेमों में बंट गए। कुछ लोग अभयदास जी की बात का समर्थन कर रहे हैं और कह रहे हैं कि अपनी बेटियों को संस्कृति और इतिहास से जोड़ना ज़रूरी है, तो कुछ लोग इसे विवाद खड़ा करने वाला बयान मान रहे हैं।

गाँव से लेकर शहरों तक, हर जगह इस बयान पर चर्चा हो रही है। किसी ने इसे संस्कृति बचाने की कोशिश बताया, तो किसी ने इसे धार्मिक तनाव बढ़ाने वाला माना। अब देखना ये है कि आने वाले दिनों में ये मामला और कहाँ तक जाएगा!

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कौन हैं युवाचार्य अभयदास जी महाराज?

युवाचार्य अभयदास जी महाराज ने महज 4 साल की उम्र में संन्यास ले लिया था। तब से वो धर्म और अध्यात्म का प्रचार करते आ रहे हैं। वे श्रीमद् भागवत कथा, श्री राम कथा, नानी बाई का मायरा और मीरा कथा जैसी कई कथाओं का प्रचार करते हैं, जिनका प्रसारण संस्कार टीवी पर होता है।

अभयदास जी पाली जिले के तखतगढ़ में सद्गुरु त्रिकम दास जी धाम परंपरा के पाँचवें आचार्य हैं और उन्होंने कई आदिवासी इलाकों में निशुल्क गुरुकुल स्थापित किए हैं। इसके अलावा, वो 405 फीट ऊँची भारत माता की मूर्ति का निर्माण करवा रहे हैं और हाल ही में उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के मंच पर विश्व योग दिवस के मौके पर भारत का प्रतिनिधित्व भी किया था।

By khabarhardin

Journalist & Chief News Editor