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दुबई: हाल ही में दुबई में आयोजित अरब एशिया MENA समिट का आगाज सद्गुरु ब्रह्मेशानंद आचार्य स्वामीजी के प्रभावशाली उद्घाटन भाषण से हुआ। इस समिट का आयोजन एशियन अरब चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा किया गया था, जिसमें स्वामीजी ने वैश्विक शांति और राष्ट्रों के बीच एकता के लिए आध्यात्मिक ज्ञान के महत्व पर जोर दिया।

स्वामीजी ने अपने भाषण में बताया कि दया, समझ और समग्र मूल्यों का पालन करके हम अरब, एशिया और MENA क्षेत्रों में सतत विकास को बढ़ावा दे सकते हैं। उन्होंने कहा, “अगर हम एक-दूसरे के प्रति सहानुभूति रखें और मिलकर काम करें, तो हम एक बेहतर भविष्य की दिशा में बढ़ सकते हैं।”

इस समिट में व्यवसाय, राजनीति और कूटनीति के कई प्रमुख व्यक्तियों ने भाग लिया। एशियन अरब चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष, मनिंद्र जैन और दुबई चैप्टर के संरक्षक, एच.ई. मिर्जा अल सायेग ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके प्रयासों ने इस समिट के उद्देश्य को और मजबूत किया, जिसमें आर्थिक विकास और सामाजिक प्रगति को बढ़ावा देने के लिए अंतर-क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा दिया गया।

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स्वामीजी ने अपने संबोधन में यह भी बताया कि आध्यात्मिकता कैसे देशों के बीच दीर्घकालिक साझेदारियों को बढ़ावा दे सकती है। उन्होंने कहा कि साझा मान्यताएं ही शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व और समृद्धि की कुंजी हैं।

इस समिट में अंतरराष्ट्रीय सद्गुरु फाउंडेशंस यूएई काउंसिल के अध्यक्ष, डॉ. स्वप्निल नागवेकर और सतगुरु फाउंडेशन की अध्यक्ष, adv. ब्रह्मिदेवी स्वामीजी भी शामिल हुए। इनके साथ कई अन्य महत्वपूर्ण dignitaries ने भी चर्चा में भाग लिया, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों को एकजुट करने के लिए आपसी समझ और सहयोग पर जोर दिया गया।

यह समिट आधुनिक समय की चुनौतियों का सामना करने के लिए एक सहयोगात्मक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। स्वामीजी के विचारों ने सभी को प्रेरित किया और आगे बढ़ने की नई दिशा दिखाई।

By khabarhardin

Journalist & Chief News Editor