कलकत्ता, पश्चिम बंगाल: प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक सनोज मिश्रा का कल देर रात रहस्यमय परिस्थितियों में अपहरण हो गया। यह घटना शहर के व्यस्त पार्क स्ट्रीट इलाके में घटी जब मिश्रा अपनी आगामी फिल्म “द डायरी ऑफ़ वेस्ट बंगाल” की शूटिंग पूरी कर अपने होटल लौट रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कुछ अज्ञात लोगों ने उनकी कार को घेर लिया और उन्हें जबरन एक वैन में डालकर ले गए।
यह घटना राज्य में बढ़ते अपराध और असुरक्षा के माहौल के बीच हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह अपहरण मिश्रा की फिल्म “द डायरी ऑफ़ वेस्ट बंगाल” से जुड़ा हो सकता है, जो राज्य के राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा रही है। फिल्म में कथित तौर पर राज्य में भ्रष्टाचार, हिंसा और राजनीतिक षड्यंत्रों का पर्दाफाश किया गया है।
मिश्रा के करीबी सूत्रों का कहना है कि उन्हें फिल्म के निर्माण के दौरान कई धमकियां मिली थीं। उन्होंने पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस घटना ने राज्य में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और कलाकारों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
विपक्षी दलों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और राज्य सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया है कि राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है और अपराधी बेखौफ होकर घूम रहे हैं। उन्होंने मिश्रा की तत्काल रिहाई की मांग की है और सरकार से इस मामले में त्वरित कार्रवाई करने का आग्रह किया है।
पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और मिश्रा की तलाश शुरू कर दी है। हालांकि, अभी तक अपहरणकर्ताओं का कोई सुराग नहीं मिला है। पुलिस ने शहर भर में नाकेबंदी कर दी है और संदिग्ध वाहनों की जांच की जा रही है। पुलिस ने लोगों से भी अपील की है कि अगर उन्हें इस मामले से जुड़ी कोई जानकारी मिले तो वे तुरंत पुलिस को सूचित करें।
यह घटना राज्य की छवि को धूमिल करने वाली है और निवेशकों के बीच चिंता बढ़ा सकती है। राज्य सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देनी चाहिए। साथ ही, राज्य में कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
बंगाल में फ़िल्म ‘द डायरी ऑफ़ वेस्ट बंगाल’ होगा बैन, क्या सनोज मिश्रा बने सत्ता के निशाने पर?
पश्चिम बंगाल में एक बार फिर से एक फ़िल्म पर प्रतिबंध की आशंका मंडरा रही है। हाल ही में रिलीज़ हुए ट्रेलर के बाद से ही विवादों में घिरी फ़िल्म ‘द डायरी ऑफ़ वेस्ट बंगाल’ को राज्य में बैन किए जाने की खबरें आ रही हैं। इस फ़िल्म के निर्देशक सनोज मिश्रा को कोलकाता पुलिस ने पहले ही पूछताछ के लिए बुलाया था और अब इस फ़िल्म पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगने की संभावना है।
फ़िल्म पर विवाद क्यों?
‘द डायरी ऑफ़ वेस्ट बंगाल’ के ट्रेलर में राज्य में रोहिंग्या मुसलमानों और बांग्लादेशी घुसपैठियों के बसने, सांप्रदायिक हिंसा और हिंदू परिवारों के पलायन जैसे मुद्दों को दिखाया गया है। इसके अलावा, फ़िल्म में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सीएए और एनआरसी के विरोध को भी दर्शाया गया है। राज्य सरकार का मानना है कि यह फ़िल्म सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ सकती है और राज्य की छवि को धूमिल कर सकती है।
क्या सनोज मिश्रा बने सत्ता के निशाने पर?
फ़िल्म के निर्देशक सनोज मिश्रा का कहना है कि उन्हें इस फ़िल्म के लिए लगातार धमकियाँ मिल रही हैं और उन्हें डर है कि उनकी जान को खतरा हो सकता है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि राज्य सरकार उन्हें परेशान कर रही है और उनकी आवाज़ को दबाने की कोशिश कर रही है।
‘द केरला स्टोरी’ की तरह होगा बैन?
कुछ महीने पहले ही राज्य सरकार ने ‘द केरला स्टोरी’ फ़िल्म पर भी प्रतिबंध लगा दिया था, जिसे बाद में सुप्रीम कोर्ट ने हटा दिया था। अब देखना यह होगा कि क्या ‘द डायरी ऑफ़ वेस्ट बंगाल’ का भी वही हश्र होता है या राज्य सरकार इस फ़िल्म को रिलीज़ होने की अनुमति देगी।
आगे क्या?
फ़िल्म के निर्माता और निर्देशक ने फ़िल्म पर प्रतिबंध लगाने के किसी भी फैसले को कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है। इस बीच, राज्य में इस फ़िल्म को लेकर राजनीतिक घमासान भी तेज हो गया है। विपक्षी दल इस फ़िल्म पर प्रतिबंध लगाने के सरकार के किसी भी कदम का विरोध करने की तैयारी में हैं।
फ़िल्म डायरेक्टर सनोज मिश्रा का अपहरण, पत्नी की गुहार पर कंगना रनोट ने की गृह मंत्रालय से बात, ममता बनर्जी पर निशाना
बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनोट ने पश्चिम बंगाल में गायब हुए फिल्म निर्देशक सनोज मिश्रा की खोज में मदद का हाथ बढ़ाया है। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर एक स्टोरी शेयर कर इस घटना पर चिंता व्यक्त की और सनोज मिश्रा की पत्नी, द्युति मिश्रा की मदद के लिए गृह मंत्रालय से बात की है। द्युति मिश्रा अपने पति की तलाश में लखनऊ से कोलकाता पहुंची हैं और कई प्रयासों के बावजूद अब तक कोई ठोस जानकारी सामने नहीं आई है।
सनोज मिश्रा की गुमशुदगी और ‘द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल’ से संबंध
सनोज मिश्रा 14 अगस्त से लापता हैं, और उनका फोन तब से बंद है। उनकी पत्नी ने लखनऊ में उनके लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई है। मिश्रा अपनी आने वाली फिल्म ‘द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल’ पर काम कर रहे थे, जो पश्चिम बंगाल की कुछ सच्ची और संवेदनशील घटनाओं पर आधारित है। इस फिल्म को लेकर पिछले डेढ़ साल से उन्हें कई धमकियां मिल रही थीं। यहां तक कि फिल्म के प्रमोशन के दौरान कोलकाता पुलिस ने उन्हें एक नोटिस भी भेजा था, जिसमें फिल्म की सामग्री को लेकर कुछ आपत्तियां जताई गई थीं।
कंगना रनोट का समर्थन और गृह मंत्रालय से संपर्क
सनोज मिश्रा की पत्नी ने स्थानीय प्रशासन से लेकर मीडिया तक, हर जगह मदद की गुहार लगाई, लेकिन कोई ठोस परिणाम नहीं मिला। ऐसे में कंगना रनोट ने आगे बढ़कर इस मामले को संज्ञान में लिया और सार्वजनिक रूप से मिश्रा की गुमशुदगी पर चिंता जाहिर की। उन्होंने द्युति मिश्रा से वादा किया कि वह उनके पति को खोजने में पूरी मदद करेंगी और इसके लिए उन्होंने गृह मंत्रालय से भी संपर्क साधा। कंगना ने गृह मंत्रालय से इस मामले की तत्काल जांच और मिश्रा की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है।
* फिल्म निर्देशक सनोज मिश्रा 14 अगस्त से लापता हैं, और उनका फोन तब से बंद है।
* उनकी पत्नी ने लखनऊ में उनके लापता होने की शिकायत दर्ज कराई है।
* मिश्रा को उनकी आने वाली फिल्म ‘द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल’ को लेकर धमकियां मिल रही थीं।
* कंगना रनोट ने मिश्रा की पत्नी को मदद का आश्वासन दिया है और गृह मंत्रालय से भी इस मामले में संपर्क किया है।
इस खबर से संबंधित कुछ सवाल:
* क्या सनोज मिश्रा की गुमशुदगी उनकी फिल्म ‘द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल’ की विवादास्पद सामग्री से जुड़ी है?
* क्या कंगना रनोट और गृह मंत्रालय के हस्तक्षेप से मिश्रा जल्द मिल जाएंगे?
* इस घटना से पश्चिम बंगाल में अभिव्यक्ति की आजादी और फिल्म निर्माताओं की सुरक्षा पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
जैसे-जैसे इस घटना की जांच आगे बढ़ेगी, यह देखना दिलचस्प होगा कि किस दिशा में यह मामला जाता है और क्या फिल्म इंडस्ट्री को अपने विचारों को अभिव्यक्त करने की आजादी मिलती रहेगी।