Bangladesh Violence : मध्यप्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन सिंह वर्मा के हालिया बयान ने भारतीय राजनीति में एक बार फिर विवाद पैदा कर दिया है। मंगलवार को इंदौर में कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन के दौरान वर्मा ने बांग्लादेश में हुई हालिया हिंसा और तख्तापलट का जिक्र करते हुए कहा कि भारत में भी ऐसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों पर सवाल उठाते हुए चेतावनी दी कि अगर हालात नहीं सुधरे, तो भारतीय जनता एक दिन प्रधानमंत्री आवास पर धावा बोल सकती है।
वर्मा ने अपने बयान में कहा, “बांग्लादेश में लोग पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की नीतियों के खिलाफ उनके आवास में घुस गए थे। नरेंद्र मोदी जी, आप भी संभल जाइए, नहीं तो एक दिन ऐसा ही कुछ भारत में भी होगा, जब जनता प्रधानमंत्री आवास पर कब्जा कर लेगी।”
इस विवादित बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में खलबली मच गई है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने वर्मा के बयान को राष्ट्रविरोधी करार देते हुए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। बीजेपी की युवा शाखा भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) ने इस बयान को लेकर इंदौर के एमजी रोड पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है। भाजयुमो के इंदौर शहर इकाई के अध्यक्ष सौगत मिश्रा ने पुलिस अधिकारियों को ज्ञापन सौंपते हुए वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (जोन-3) रामस्नेही मिश्रा ने कहा, “भाजयुमो की शिकायत प्राप्त हुई है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है। बयान की सत्यता की जांच के बाद आवश्यक कानूनी कदम उठाए जाएंगे।”
सज्जन वर्मा के इस बयान से कांग्रेस और बीजेपी के बीच चल रही राजनीतिक जंग और तेज हो गई है। बीजेपी नेताओं ने वर्मा पर देश की शांति भंग करने और लोगों को उकसाने का आरोप लगाया है। वहीं, कांग्रेस की ओर से अभी तक इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मामला आगामी चुनावों में एक बड़ा मुद्दा बन सकता है।
सज्जन वर्मा के इस बयान ने न केवल राजनीतिक बवाल खड़ा किया है, बल्कि इससे आम जनता में भी बहस छिड़ गई है। क्या भारत में भी बांग्लादेश जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है? इस सवाल ने कई लोगों को चिंतित कर दिया है, और आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर राजनीतिक गर्माहट और बढ़ सकती है।