नई दिल्ली: कांग्रेस से 6 साल के लिए निष्कासित किए जाने के बाद आचार्य प्रमोद कृष्णम ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि “राम और राष्ट्र” पर समझौता नहीं किया जा सकता है।
आचार्य प्रमोद ने कांग्रेस से सवाल करते हुए कहा, “कांग्रेस बताए कि मैंने कौन सी पार्टी विरोधी गतिविधि की है? क्या अयोध्या जाना पार्टी विरोध है? क्या प्रधानमंत्री मोदी से मिलना पार्टी विरोध है?”
उन्होंने कहा, “कल रात मुझे कई न्यूज चैनलों के माध्यम से ये जानकारी मिली की कांग्रेस पार्टी ने एक चिट्ठी जारी की है। जिसमें उन्होंने कहा है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों की वजह से आचार्य प्रमोद कृष्णम को 6 वर्ष के लिए पार्टी से निष्काषित किया जाता है।”
आचार्य प्रमोद ने कहा, “सबसे पहले मैं कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व का आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने मुझे कांग्रेस से मुक्ति देने का फरमान जारी किया। केसी वेणुगोपाल या मल्लिकार्जुन खरगे ये बताएं कि ऐसी कौन सी गतिविधिया हैं जो पार्टी के विरोध में थीं। क्या भगवान राम का नाम लेना पार्टी विरोधी है?”
उन्होंने कहा, “सवाल इस बात का है कि वो कांग्रेस जो महात्मा गांधी की कांग्रेस थी। आज उस कांग्रेस को किस रास्ते पर लाकर खड़ा किया गया है। क्या कांग्रेस में सिर्फ वो रह सकते हैं जो सनातन को मिटाने की बात करें?”
आचार्य प्रमोद ने कहा, “मैं ये साफ कर देना चाहता हूं कि ‘राम और राष्ट्र’ पर समझौता नहीं किया जा सकता है। निष्कासन बहुत छोटी चीज है।”
उन्होंने कहा, “16-17 साल की उम्र में मैंने जो वचन राजीव गांधी को दिया था वो आज तक निभाया है और आज इस उम्र में एक संकल्प ले रहा हूं कि मैं आजीवन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ खड़ा रहूंगा।”