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बैठक के दौरान स्टैंड-अप इंडिया, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) और अनुसूचित जातियों (एससी) के लिए ऋण वृद्धि गारंटी योजना और उनकी प्रगति जैसी योजनाओं पर भी चर्चा की। समीक्षा बैठक के दौरान वित्त मंत्री ने बैंकों को कम संख्या में शेष बैकलॉग रिक्तियों को समयबद्ध तरीके से भरने का निर्देश दिया।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को राजधानी दिल्ली में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों के प्रमुखों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने उन्होंने अनुसूचित जातियों के लिए ऋण और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के प्रदर्शन की समीक्षा भी की। बैठक के दौरान स्टैंड-अप इंडिया, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) और अनुसूचित जातियों (एससी) के लिए ऋण वृद्धि गारंटी योजना और उनकी प्रगति जैसी योजनाओं पर भी चर्चा की।

समीक्षा बैठक के दौरान वित्त मंत्री ने बैंकों को कम संख्या में शेष बैकलॉग रिक्तियों को समयबद्ध तरीके से भरने का निर्देश दिया। साथ ही उन्होंने बैंकों को सभी योजनाओं में अनुसूचित जातियों के कवरेज को बढ़ाने के लिए और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों को क्षमता निर्माण, उद्यमिता विकास के लिए उनकी जरूरतों पर भी ध्यान देने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि आउटसोर्स की जा रही नौकरियों के लिए बैंक उचित डिजिटल रिकॉर्ड बनाकर रखे। खासकर एक अक्टूबर से सफाई कर्मचारी जैसे पदों के लिए होने वाली भर्ती का रिकॉर्ड। उन्होंने यह भी कहा कि अनुसूचित जाति समुदाय से संबंधित सभी लंबित शिकायतों का निवारण भी 2 अक्टूबर से डीएफएस द्वारा विशेष अभियान में किया जा सकता है।

वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि सीईजीएसएससी, वीसीएफ जैसी सभी योजनाओं में किए जाने वाले आवश्यक सुधारों को डीएफएस द्वारा दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (डीआईसीसीआई) जैसी एजेंसियों के साथ चर्चा के बाद लिया जा सकता है। डीआईसीसीआई जमीनी स्तर पर अनुसूचित जातियों के साथ काम कर रही हैं।

समीक्षा बैठक में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) के अध्यक्ष विजय सांपला, सदस्य एनसीएससी, सुभाष रामनाथ पारधी और डॉ अंजू बाला, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ भागवत किसानराव कराड और वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के सचिव संजय मल्होत्रा के अलावा डीएफएस और एनसीएससी के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।

By khabarhardin

Journalist & Chief News Editor