जयपुर। सोचिए, आपका फेसबुक पेज हैक हो जाए, आप 100 से ज्यादा मेल और 40 से ज्यादा रिमाइंडर भेजें, पुलिस में FIR और साइबर क्राइम में शिकायत करें, दो बार लीगल नोटिस भेजें, लेकिन फेसबुक का कोई जवाब ना आए!
यही हुआ है राजस्थान के मशहूर उद्योगपति प्रेम सिंह राव के साथ। उनका फेसबुक पेज और बिजनेस मैनेजर पहले दिसंबर में एक बार रिकवर हुआ, लेकिन सिर्फ 3 घंटे में फिर से हैक कर लिया गया! 10 महीने से Meta Support सिर्फ बहानेबाजी कर रहा है और अब राव ने Meta पर 20 करोड़ का मानहानि केस ठोक दिया है!
क्या फेसबुक को सिर्फ पैसे कमाने से मतलब है?
फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसी कंपनियां भारत से करोड़ों-अरबों रुपये कमाती हैं, लेकिन जब यूजर्स की सुरक्षा और अकाउंट रिकवरी की बात आती है, तो Meta Support हाथ खड़े कर देता है!
बांग्लादेश-पाकिस्तान के हैकर्स का खेल?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, फेसबुक पर होने वाली ज़्यादातर हैकिंग के तार बांग्लादेश और पाकिस्तान से जुड़े होते हैं, लेकिन Meta इस पर कोई ठोस एक्शन नहीं लेता। सवाल ये है कि क्या फेसबुक भारत के यूजर्स की सुरक्षा को गंभीरता से नहीं लेता?
10 महीने, 2 FIR, 100+ ईमेल, फिर भी सुनवाई नहीं!
- मई 2024 में जोधपुर पुलिस में पहली FIR दर्ज करवाई गई।
- अक्टूबर 2024 में जयपुर के ज्योतिनगर थाने में दूसरी शिकायत दर्ज हुई।
- Meta Support को 100+ मेल और 40 से ज्यादा रिमाइंडर भेजे गए।
- दो बार लीगल नोटिस भेजने के बावजूद Meta ने कोई जवाब नहीं दिया!
क्या बोले प्रेम सिंह राव?
राव ने कहा,
“ये सिर्फ मेरा मामला नहीं है, बल्कि हर भारतीय के लिए खतरे की घंटी है जो फेसबुक और इंस्टाग्राम का इस्तेमाल करते हैं। अगर Meta जल्द एक्शन नहीं लेता, तो मैं इस मुद्दे को राष्ट्रीय मीडिया और कोर्ट तक ले जाऊंगा।”
क्या फेसबुक सच में सुरक्षित है या यह हैकर्स का नया अड्डा बन चुका है?
Meta की साइबर सुरक्षा और ग्राहक सेवा पर गंभीर सवाल उठते हैं। अब देखना यह है कि क्या फेसबुक की टीम इस बार कोई ठोस कदम उठाएगी या फिर भारतीय यूजर्स को यूं ही ठगती रहेगी?