नई दिल्ली, 21 नवंबर 2024: दिल्ली के स्वामीनारायण मंदिर अक्षरधाम में संत समाज का भव्य संगम देखने को मिला। मौका था दिल्ली संत महामंडल के रजत जयंती समारोह का, जिसमें देशभर के जाने-माने संत और महात्मा शामिल हुए। इस खास मौके पर जैन आचार्य लोकेश मुनि जी, श्रीमहंत नारायण गिरि जी, आचार्य प्रमोद कृष्णम, कथावाचक सुधांशुजी महाराज और केंद्रीय मंत्री हर्ष मल्होत्रा जैसे कई गणमान्य उपस्थित थे।
धर्माचार्यों को एकजुट होने का संदेश:
जैन आचार्य लोकेशजी ने समारोह में अपने ओजस्वी विचार रखते हुए कहा, “सनातन धर्म के सभी धर्माचार्यों को एकजुट होकर काम करना होगा। धर्म, संस्कृति और आध्यात्मिक चेतना के माध्यम से भारत को दिव्य और भव्य बनाने का समय आ गया है।” उन्होंने यह भी कहा कि संतों का तप, ज्ञान और संकल्प हमेशा से भारत के उत्थान का आधार रहा है।
संतों की सेवा को सराहा:
दिल्ली संत महामंडल के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि जी ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर के 450 से अधिक संत इस महामंडल के माध्यम से पिछले 25 वर्षों से धर्म के प्रचार-प्रसार और मानव सेवा में लगे हैं। उन्होंने कहा, “संत महामंडल ने हमेशा राष्ट्र और सनातन धर्म के लिए युवा चेतना को जागृत करने का काम किया है, और यह कार्य आगे भी जारी रहेगा।”
सरकार और संत समाज का संयुक्त प्रयास जरूरी:
केंद्रीय मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने कहा, “भारत का संतुलित विकास तभी संभव है जब सरकार और संत समाज मिलकर काम करें। जब सरकार धर्माचार्यों की सलाह और विश्वास को आधार मानती है, तो समाज में शांति और सद्भाव का वातावरण बनता है।”
कार्यक्रम की शुरुआत और समापन:
दीप प्रज्वलन के साथ शुरू हुए इस कार्यक्रम में सभी संतों ने मानवता और राष्ट्र के विकास के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया। स्वामीनारायण परंपरा के संतों ने भी इस आयोजन में हिस्सा लिया और इसे भव्यता प्रदान की।
यह रजत जयंती समारोह संत समाज की एकता, सेवा और सनातन धर्म के प्रति उनकी निष्ठा का प्रतीक बन गया।