बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा अब हमारे बीच नहीं रहीं। मंगलवार की शाम दिल्ली के एम्स अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनकी तबीयत पिछले कुछ समय से खराब चल रही थी, और सोमवार शाम को उनकी स्थिति अचानक बिगड़ गई, जिससे उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट करना पड़ा।
72 वर्षीय शारदा सिन्हा को पिछले महीने अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां पहले तो उन्हें आईसीयू में रखा गया था। बाद में जब उनकी हालत में सुधार हुआ, तो उन्हें प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। इस खबर से उनके परिवार और प्रशंसकों ने थोड़ी राहत महसूस की थी।
लेकिन 4 नवंबर को, अचानक उनकी तबीयत फिर से बिगड़ गई। उनके बेटे अंशुमन ने सोशल मीडिया पर अपडेट देते हुए बताया कि इंफेक्शन के कारण उनकी मां की हालत बिगड़ गई और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया। सोमवार सुबह जब अंशुमन ने उनकी आंखों के सामने बातचीत करने की कोशिश की, तब उन्हें उनकी आंखों में हल्की सी हरकत नजर आई। लेकिन यह उम्मीद भी टूट गई, और शारदा सिन्हा ने जीवन की इस जंग हारकर हमें छोड़ दिया।
उनके निधन की खबर ने पूरे देश में शोक की लहर दौड़ा दी है। खासकर इस समय जब छठ महापर्व चल रहा है, उनकी गाई हुई छठ गीत हर जगह गूंज रहे हैं। प्रशंसक उन्हें याद कर रहे हैं और सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि दे रहे हैं। शारदा सिन्हा की आवाज आज भी हमारे दिलों में जिंदा रहेगी, उनके गीतों के माध्यम से।
गौरतलब है कि शारदा सिन्हा के पति का हाल ही में निधन हुआ था, जो ब्रेन हैमरेज के कारण हुआ था। इस साल दोनों ने अपनी शादी की 54वीं सालगिरह मनाई थी। शारदा सिन्हा को उनके अद्वितीय संगीत के लिए पद्म श्री और पद्म विभूषण जैसे सम्मानों से नवाजा गया था। उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।