Terrorist Attack : रविवार रात का वक्त था, जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में एक इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के मजदूर दिनभर की मेहनत के बाद साथ बैठकर खाना खा रहे थे। माहौल बिल्कुल शांत था, सब थके हुए लेकिन संतुष्ट दिख रहे थे। तभी अचानक लाइट चली गई। मजदूरों को लगा कि कोई तकनीकी खराबी है, जल्द ही लाइट आ जाएगी, लेकिन उन्हें क्या पता था कि अगले ही पल मौत का साया उनके ऊपर मंडरा रहा था।
कुछ सेकंड्स की खामोशी के बाद, अचानक गोलियों की तड़तड़ाहट शुरू हो गई। चारों ओर अफरातफरी मच गई। जब तक मजदूर कुछ समझ पाते, सात लोग मौके पर ही ढेर हो गए। पांच अन्य मजदूर भी गोली लगने से घायल हो गए। किसी के होशो-हवास में लौटने से पहले ही यह खौफनाक मंजर वहां फैल चुका था।
कैसे हुआ हमला?
शुरुआती जांच में घायल मजदूरों ने पुलिस को बताया कि दो आतंकी पहले इलाके की बिजली काटने आए थे। फिर अचानक कैंप में घुसकर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। हमला श्रीनगर-लेह हाईवे के पास सोनमर्ग के करीब एक मजदूरों के कैंप पर हुआ। यहां काम करने वाले लोग बिहार, मध्य प्रदेश और जम्मू के थे, जो सुरंग निर्माण के प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे।
गृह मंत्री का बयान और आगे की कार्रवाई
इस हमले पर देशभर में दुख और आक्रोश है। गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस घटना पर दुख जताया और कहा, “यह कायराना हमला आतंकियों की घिनौनी हरकत है। सुरक्षा बल इसका मुंहतोड़ जवाब देंगे।”
अब पुलिस और सुरक्षा बल इलाके की घेराबंदी कर आतंकियों की तलाश में जुटे हैं। इस क्षेत्र में पिछले एक दशक से आतंकी गतिविधियां कम हो चुकी थीं, लेकिन ये हमला इस शांत इलाके में फिर से दहशत फैला गया है।
मजदूरों के बीच दहशत का माहौल
जो मजदूर इस हमले में बच गए, वे बुरी तरह सहमे हुए हैं। एक मजदूर ने कहा, “हम खाना खा रहे थे, कुछ समझ नहीं आया कि क्या हो रहा है। अचानक गोलियों की आवाज आई और हमारे साथी गिरने लगे। बस भागने की कोशिश की।”
घायल मजदूरों को श्रीनगर के एसकेआईएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां पूरी घटना की जांच में जुटी हैं।
ये आतंकी हमला जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर से डर और दहशत का माहौल बना गया है।