Anil Singh Success Story : राजस्थान की राजधानी जयपुर में बिहार के एक छोटे से कस्बे दानापुर से आए अनिल सिंह ने एक ऐसी उपलब्धि हासिल की है जिसने न केवल आयुर्वेदिक जगत को बल्कि चिकित्सा जगत को भी अचंभित कर दिया है। उन्होंने कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के इलाज के लिए एक अत्यंत प्रभावशाली आयुर्वेदिक दवा ‘KIM100’ विकसित की है। इस दवा के शुरुआती नतीजे इतने उत्साहजनक रहे हैं कि कई डॉक्टर भी इसके मुरीद हो गए हैं। लेकिन इस सफलता के पीछे अनिल सिंह के जीवन का एक दर्दनाक सच छिपा है – उनके पिता को कैंसर ने उनसे छीन लिया था।
पिता की याद में समर्पित
अनिल सिंह अपने पिता धीरज नारायण सिंह को याद करते हुए भावुक हो जाते हैं। वे बताते हैं, “मेरे पिता आर्मी में डॉक्टर थे। वे हमेशा दूसरों की सेवा में तत्पर रहते थे। लेकिन जब उन्हें कैंसर हुआ तो उस समय इलाज के सीमित विकल्प थे। उनकी तकलीफ़ देखकर मेरा मन विचलित हो उठा और मैंने ठान लिया कि मैं इस बीमारी के खिलाफ कुछ करूंगा।”
किसानी से उद्यमिता तक
अनिल सिंह का जन्म 10 जुलाई 1974 को दानापुर में एक साधारण परिवार में हुआ था। उनके दादा और परदादा भी किसान थे। इसी विरासत को आगे बढ़ाते हुए अनिल ने भी 25 साल पहले जड़ी-बूटियों की खेती शुरू की। उन्होंने एलोवेरा, शतावरी, अश्वगंधा, शार्पगंधा, सफेद मूसली और मुलेठी जैसी महत्वपूर्ण जड़ी-बूटियों की खेती की।
लेकिन अनिल सिंह यहीं नहीं रुके। उन्होंने अपने सपनों को पंख देने के लिए व्यापार की दुनिया में कदम रखा। उन्होंने कई तरह के व्यापार किए, लेकिन हर बार उन्हें असफलता ही हाथ लगी। फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी। वे कहते हैं, “उतार-चढ़ाव जीवन का हिस्सा हैं। असफलता से सीख लेकर आगे बढ़ना ही असली जीत है।”
2010 में ‘धीरज हर्ब्स’ की स्थापना
वर्ष 2010 में अनिल सिंह ने अपने पिता के नाम पर ‘धीरज हर्ब्स प्राइवेट लिमिटेड’ नामक कंपनी की स्थापना की। इस कंपनी का मुख्य कार्यालय उनके गृहनगर दानापुर में ही है। यह कंपनी भी बिहार, झारखंड, असम, वेस्ट बंगाल सहित अन्य राज्यों में आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माण और वितरण का काम करती है।
‘ड्रग होम’ से मिली नई पहचान
आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माण के साथ-साथ अनिल सिंह ने ‘ड्रग होम’ नामक एक फार्मा चेन बिजनेस भी शुरू किया। यह बिजनेस पूरे बिहार में तेजी से फैल रहा है और अब तक 10 से ज्यादा ड्रग होम खुल चुके हैं। इन दुकानों के जरिए लोग सस्ती किफायती दामों पर उच्च गुणवत्ता वाली दवाएं उपलब्ध हैं।
जयपुर में नई शुरुआत
2020 में अनिल सिंह ने अपने कुछ दोस्तों और बिजनेस गुरुओं की सलाह पर जयपुर में एक और नई कंपनी ‘नारायण औषधि प्राइवेट लिमिटेड’ की स्थापना की। यह कंपनी आज 400 से ज्यादा तरह की आयुर्वेदिक दवाओं का निर्माण करती है। इन दवाओं का निर्माण जीएमपी सर्टिफाइड सुविधाओं में होता है और इनकी गुणवत्ता की जांच कुशल चिकित्सकों द्वारा की जाती है।
‘KIM100’: कैंसर के खिलाफ जंग में एक नई उम्मीद
अनिल सिंह और उनकी टीम ने कैंसर जैसी लाइलाज बीमारियों के इलाज के लिए लगातार शोध किया। इसी शोध का नतीजा है ‘KIM100’ नामक आयुर्वेदिक दवा। इस दवा के शुरुआती नतीजे बेहद उत्साहजनक रहे हैं। कई कैंसर रोगियों ने इस दवा से लाभ की बात कही है।
डॉ. ओम प्रकाश चौधरी, एक वरिष्ठ आयुर्वेदाचार्य, कहते हैं, “मैंने ‘KIM100’ के कुछ मामलों को देखा है और इसके परिणाम वाकई प्रभावशाली हैं। यह दवा कैंसर के इलाज में एक नई दिशा दे सकती है।”
देश-विदेश में मिल रही है पहचान
आज ‘नारायण औषधि’ की दवाएं बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, ओडिशा और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में 15,000 से ज्यादा आयुर्वेदिक डॉक्टरों द्वारा इस्तेमाल की जा रही हैं। अनिल सिंह की योजना जल्द ही यूएई सहित अन्य देशों में भी अपनी दवाओं का निर्यात शुरू करने की है।
अनिल सिंह अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां चानों देवी को देते हैं। वे कहते हैं, “मेरी मां मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा हैं। उन्होंने हमेशा मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।”
साथ ही, वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आयुष मंत्रालय के भी आभारी हैं। वे कहते हैं, “उनके प्रयासों से ही आज आयुर्वेद को वैश्विक पहचान मिल रही है। कोरोना काल में पूरी दुनिया ने आयुर्वेद की ताकत को देखा है।”
अनिल सिंह की कहानी एक प्रेरणा
अनिल सिंह की कहानी उन सभी लोगों के लिए एक प्रेरणा है जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। वे साबित करते हैं कि अगर आपके पास दृढ़ निश्चय और कड़ी मेहनत करने का जज्बा है, तो आप किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल कर सकते हैं। उनकी यह कहानी यह भी बताती है कि कैसे एक व्यक्तिगत त्रासदी को एक बड़े सामाजिक हित में बदला जा सकता है।
‘KIM100′ के बारे में अधिक जानकारी
‘KIM100’ एक पॉलीहर्बल फॉर्मूलेशन है जिसमें कई जड़ी-बूटियों का मिश्रण है। यह दवा कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करती है। हालांकि, यह दवा अभी भी अपने शुरुआती चरण में है और इसके पूर्ण लाभों और संभावित दुष्प्रभावों का आकलन करने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है।
भविष्य की योजनाएं
अनिल सिंह का लक्ष्य ‘KIM100’ को और अधिक प्रभावी बनाना और इसे सभी कैंसर रोगियों के लिए सुलभ बनाना है। वे कहते हैं, “मैं चाहता हूं कि यह दवा हर उस व्यक्ति तक पहुंचे जिसे इसकी जरूरत है। मैं कैंसर को हराने के अपने मिशन में तब तक नहीं रुकूंगा जब तक कि हम इस बीमारी पर पूरी तरह से काबू नहीं पा लेते।”
अनिल सिंह की कहानी हमें याद दिलाती है कि सपने देखना और उन्हें पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करना कितना महत्वपूर्ण है। वे एक जीता जागता उदाहरण हैं कि कैसे एक व्यक्ति अपने जुनून और समर्पण से दुनिया में बदलाव ला सकता है।