भोपाल, 17 जून, 2024: मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने विख्यात कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा और प्रेमानंद महाराज के बीच चल रहे मतभेद को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मंत्री विजयवर्गीय ने दोनों विद्वानों के बीच मीडिया में आ रही खबरों के बाद खुद पंडित प्रदीप मिश्रा से मुलाकात की और प्रेमानंद महाराज से फोन पर बात कराते हुए मामले को सुलझा दिया।
राधा रानी की जन्म स्थली पर विवाद
दोनों ही विद्वानों के अलग-अलग वीडियो फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे थे, जिनमें राधा रानी की जन्म स्थली को लेकर अलग-अलग बातें कही गई थीं। पंडित प्रदीप मिश्रा ने खंडवा ओमकारेश्वर में शिवकथा के दौरान अपने विचार रखे थे और प्रमाण देने की बात कही थी। इस पर प्रेमानंद महाराज ने कड़ी आपत्ति जताई थी, जिससे दोनों के बीच मतभेद की खबरें थीं।
प्रदीप मिश्रा और प्रेमानंद महाराज के बीच मतभेद दूर, मंत्री विजयवर्गीय ने फोन पर कराई सुलह
जानकारी के अनुसार, ओमकारेश्वर में चल रही कथा के दौरान मंत्री विजयवर्गीय मौके पर पहुंचे और पंडित मिश्रा से मुलाकात की। चर्चा के दौरान, मंत्री ने प्रेमानंद महाराज से फोन पर बात की और मामले को सुलझाने का आग्रह किया। इसके बाद, पंडित मिश्रा और प्रेमानंद महाराज ने बातचीत करते हुए अपने शिकवे-शिकायतें दूर कीं।
आवेश में बोले गए शब्दों के लिए क्षमा मांगी
बताया जा रहा है कि पंडित मिश्रा ने इस मौके पर प्रेमानंद महाराज से आवेश में बोले गए शब्दों के लिए क्षमा भी मांगी है। प्रेमानंद महाराज की ओर से भी शिकवे-शिकायते दूर होने के बाद उनके सोशल मीडिया अकाउंट से एक बयान का वीडियो हटा दिया गया है।
गौरतलब है कि पंडित प्रदीप मिश्रा ने राधा रानी के जन्म स्थली के रूप में रावल गांव का उल्लेख करते हुए उनके परिवार के अन्य सदस्यों की बात कही थी, जिस पर प्रेमानंद महाराज ने आपत्ति जताई थी। अब यह मामला सुलझ चुका है और दोनों विद्वानों के बीच के मतभेदों पर विराम लग गया है।
यह घटना दर्शाती है कि बातचीत और संवाद से कितने ही बड़े विवादों को सुलझाया जा सकता है। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के प्रयासों से पंडित प्रदीप मिश्रा और प्रेमानंद महाराज के बीच फिर से सामंजस्य स्थापित हो गया है, जिससे उनके अनुयायियों में भी शांति का संदेश गया है।