कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर गंभीर आरोप लगाते हुए शेयर बाजार में हाल ही में हुई घटनाओं को लेकर विवाद खड़ा कर दिया है। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले पीएम मोदी और शाह के बयानों ने शेयर बाजार में अप्रत्याशित उतार-चढ़ाव को जन्म दिया, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान हुआ।
राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “पहले गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आने वाले 4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे आएंगे, तो शेयर बाजार आसमान पर जाएगा। इसके तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शेयर बाजार में रिकॉर्ड तेजी आने की बात कहते हुए लोगों को शेयर खरीदने की सलाह दी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी इसी तरीके से शेयर बाजार में जोरदार उछाल की बात कही थी।”
राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी, अमित शाह और निर्मला सीतारमण को पहले से ही अनुमान था कि इस बार उन्हें 220 के आसपास सीटें मिल रही हैं, लेकिन फेक एग्जिट पोलों के जरिए लोगों में झूठ फैलाया गया। “इसके बाद Exit Poll के अनुमानों के तुरंत बाद शेयर बाजार ने ऐसी छलांग लगाई कि सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए, लेकिन अगले ही दिन 4 जून को खटाक से शेयर मार्केट गिर गया।”
शेयर बाजार में 4 जून को आए इस भारी गिरावट के कारण निवेशकों के करीब 30 लाख करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। राहुल गांधी ने इसे स्टॉक मार्केट के इतिहास का सबसे बड़ा स्कैम करार देते हुए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से जांच की मांग की है। उन्होंने कहा, “चुनाव नतीजे से पहले शेयर बाजार में शानदार उछाल आया था, लेकिन लोकसभा चुनाव रिजल्ट डे के दिन शेयर बाजार में भारी गिरावट हुई। इसके कारण निवेशकों के 30 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ। यह पैसा 5 करोड़ रिटेल निवेशकों का है। इसकी जांच होनी चाहिए।”
राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कई सवाल उठाए, जिनमें मुख्य था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की जनता को निवेश की सलाह क्यों दी और 5 करोड़ परिवारों को स्टॉक्स खरीदने के लिए क्यों कहा गया। उन्होंने इसे एक क्रिमिनल एक्ट करार देते हुए कहा कि सरकार के उच्च पदों पर बैठे लोगों ने अपने बयानों से शेयर बाजार में हेरफेर किया।
गौरतलब है कि 3 जून को शेयर बाजार में तगड़ी तेजी आई थी और निवेशकों को 13.7 लाख करोड़ की कमाई हुई थी। लगभग सभी एग्जिट पोल में बीजेपी की बंपर जीत दिखाई गई थी। लेकिन अगले दिन यानी 4 जून को बाजार में तेज गिरावट देखने को मिली क्योंकि परिणाम एग्जिट पोल के मुताबिक नहीं थे और बीजेपी अपने दम पर बहुमत से दूर रह गई थी।
राहुल गांधी के इन आरोपों ने राजनीतिक गलियारों में खलबली मचा दी है और यह देखना बाकी है कि सरकार इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है और क्या वाकई JPC की जांच होती है या नहीं।