नई दिल्ली : अमेरिका-कनाडा की ऐतिहासिक शांति सद्भावना यात्रा सम्पन्न कर अहिंसा विश्व भारती एवं विश्व शांति केन्द्र के संस्थापक आचार्य डॉ लोकेशजी भारत लौटने पर आरोग्य पीठ संस्था द्वारा दिल्ली में अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया । इस अवसर पर आयोजक आरोग्य पीठ के संस्थापक आचार्य रामगोपाल दीक्षित, विश्व हिन्दू परिषद दिल्ली प्रांत के अध्यक्ष श्री कपिल खन्ना, रामानुजाचार्य पुण्डरीकाक्ष जी महाराज सहित काफी संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं आचार्यश्री का अभिनंदन व हार्दिक स्वागत किया।
धर्म,अध्यात्म,भारतीय संस्कृति व जीवन मूल्यों को गौरवान्वित करने वाली इस सफल यात्रा के समापन पर अभिनंदन समारोह में आचार्य डॉ लोकेशजी ने अपनी विदेश यात्रा के अनुभव साँझा किए और बताया कि उन्होने शिकागो विश्व धर्म संसद में भारत का नेतृत्व कर उद्घाटन समारोह को संबोधित कर भारत के गौरवशाली इतिहास और संस्कृति की अमिट छाप छोड़कर स्वामी विवेकानंद जी के इतिहास को दोहराया।
यह सम्मान मेरा नहीं, भारतीय संस्कृति व भगवान महावीर के सिद्धांतों का है- आचार्य लोकेश
इसी यात्रा के दौरान माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के साथ संयुक्त राष्ट्रसंघ में आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में सहभाग करने का भी अवसर प्राप्त हुआ और अमेरिकी राष्ट्रपति जेई बाइडन के निमंत्रण पर व्हाइट हाउस में भी स्वागत समारोह का हिस्सा बने। विश्व हिन्दू परिषद दिल्ली प्रांत के अध्यक्ष श्री कपिल खन्ना ने आचार्य लोकेशजी का भारत लौटने पर अभिनंदन करते हुए कहा कि विश्व में शांति व सद्भावना स्थापित करने के लिए आचार्यश्री के समर्पण, मानवता के प्रति उनकी निष्ठा व भावना न सिर्फ अहिंसा, शांति व सद्भावना के संदेश को विश्व में आगे बढ़ा रही है बल्कि विश्व भर में भारतीय संस्कृति की पहचान को जीवित रखने कार्य कर रहे है ।
रामानुजाचार्य पुण्डरीकाक्ष जी महाराज ने स्वागत करते हुए कहा कि आचार्य लोकेशजी का आभा मण्डल इतना सकारात्मक है जिससे वे देश-विदेश में प्राचीन भारतीय संस्कृति की अलख को जगाने का अभूतपूर्व कार्य कर रहे है। उनके द्वारा किए जा रहे मनवातावादी कार्यों को विदेश में भी सराहा जा रहा है जिस पर हम सभी को गर्व की अनुभूति हो रही है।
आरोग्य पीठ के संस्थापक आचार्य रामगोपाल दीक्षित ने आचार्याश्री का अभिनंदन करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति, अहिंसा व अनेकांत के दर्शन को पूज्य आचार्य डॉ लोकेशजी पिछले 39 वर्षो से विश्व भर में जन-जन तक पहुंचाने में निरंतर प्रयासरत है| सभी धर्मों में समन्वय के लिए उनके प्रयास अनूठे है। इस अवसर पर अपने सम्मान का प्रत्युत्तर देते हुए आचार्य लोकेशजी ने कहा यह सम्मान मेरा नहीं, यह भारतीय संस्कृति व भगवान महावीर के सिद्धांतों का है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब हम सबको मिलकर भारत की महान सांस्कृतिक व आध्यात्मिक संपदा से विश्व जन मानस को रूबरू कराने के लिए प्रयत्न करने चाहिए इसी से विश्व कल्याण संभव है। इस अवसर पर, सभी अतिथियों सहित आरोग्य पीठ संस्था के सभी कार्यकर्ताओं व पदाधिकारीगण ने आचार्य लोकेशजी का शौल ओढ़ाकर अभिनंदन व स्वागत किया। सधन्यवाद,