इंटरनेशनल टाइगर डे: 29 जुलाई को मनाया गया इंटरनेशनल टाइगर डे, जिसे ग्लोबल टाइगर डे भी कहा जाता है, बाघों के संरक्षण को प्रोत्साहित करने के लिए एक वार्षिक उत्सव है। इस दिन का मकसद है विश्व भर में बाघों और उनके प्राकृतिक आवासों के संरक्षण के प्रति समर्पण बढ़ाना। इस मौके पर एण्डटीवी के कलाकार बाघों के संरक्षण का महत्व बता रहे हैं।
ये कलाकार हैं गीतांजलि मिश्रा (राजेश, ‘हप्पू की उलटन पलटन’), मोहित डागा (अशोक, ‘दूसरी माँ’) और आसिफ शेख (विभूति नारायण मिश्रा, ‘भाबीजी घर पर हैं’)। ‘हप्पू की उलटन पलटन’ में नई राजेश बनकर आ रही गीतांजलि मिश्रा ने कहा, “बाघ प्रकृति की एक अनोखी और सुंदर रचना है। हम चिड़ियाघरों और जंगल सफारी में इस शानदार जीव की झलक पाने को बेताबी से रहते हैं। जंगल में बाघ का महत्व सिर्फ एक अन्य वन्यजीव से कहीं बढ़कर होता है; उसकी मौजूदगी रहस्यमय होती है, वह दुनिया की है बड़ी बिल्ली के तौर पर हमारे पारिस्थितिकी तंत्र की विविधता में एक महत्वपूर्ण भूमिका रखता है। भारतीय संस्कृति में हमारे राष्ट्रीय पशु के रूप में बाघों का बड़ा महत्व है। इंटरनेशनल टाइगर डे जैसे दिन इन राजसी जीवों और उनके प्राकृतिक आवासों को बचाने के लिए वैश्विक प्रतिबद्धता को बढ़ावा देते हैं। बाघ सुंदरता, बहादुरी, ताकत और राष्ट्रीय गर्व का प्रतीक है। आइए, हम बाघों को बचाएं और अपनी राष्ट्रीय गरिमा बनाए रखें।”
‘Doosri Maa’ के अशोक, यानि मोहित डागा ने कहा, “बाघ हमारे देश के गर्व का प्रतिनिधित्व करते हैं और हमें उनका संरक्षण करना चाहिए। बाघों की स्वस्थ आबादी को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है बाघों के संरक्षण की विभिन्न पहलों, परियोजनाओं और अभियानों का समर्थन करना। हम प्रकृति से हमेशा लेते ही रहते हैं, हमें अपने अस्तित्व के लिए जिम्मेदार तरीके से उसे कुछ लौटाना भी चाहिए। जंगल के बाघों और उनके आवासों को बचाने से उनकी और कई जीवित प्राणियों की सुरक्षा होती है, जिनमें हम भी शामिल हैं। हमें प्राकृतिक आवासों को नुकसान पहुँचाने से बचना चाहिए और अपनी तरक्की तथा विकास के लिए वैकल्पिक समाधान खोजने चाहिए। बाघों को बचाने की कोशिशों में शामिल होकर हम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक ज्यादा उज्ज्वल और स्थायित्वपूर्ण भविष्य बना सकते हैं।”
‘भाबीजी घर पर हैं’ के विभूति नारायण मिश्रा, यानि आसिफ शेख ने कहा, “बाघों का संरक्षण विभिन्न कारणों से हमारी पूरी धरती के लिए महत्वपूर्ण है। बाघ एक बड़े शिकारी के रूप में शाकभक्षी जीवों को रेगुलेट कर पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे वनों के विनाश में कमी आती है। अपने विकास के लिए खुद को ही नुकसान पहुँचाने वाली चीजों, जैसे कि हाइवे और बस्तियों से बचने और स्थायित्वपूर्ण समाधानों को अपनाने का यह सही समय है। बाघों का बचे रहना हमारे हाथों में है। आइए, हम अपने राष्ट्रीय पषु की सुरक्षा कर समाधान का हिस्सा बनें। साथ मिलकर हमें जंगलों को बचाना चाहिए, ताकि बाघों का भविष्य सुरक्षित हो सके। बाघों का भविष्य सुरक्षित करके, हम कुल मिलाकर जैव-विविधता हमारी धरती की सेहत की सुरक्षा करते हैं।”
इंटरनेशनल टाइगर डे पर आइए, हम एक फलते-फूलते और स्थायित्वपूर्ण भविष्य के लिए बाघों के संरक्षण के प्रयासों का समर्थन कर और उनके प्राकृतिक आवासों का संरक्षण कर उनके अस्तित्व को बचाएं! अपने पसंदीदा एण्डटीवी के कलाकारों को देखें, ‘दूसरी माँ’ में रात 8ः00 बजे, ‘हप्पू की उलटन पलटन’ में रात 10ः00 बजे और ‘भाबीजी घर पर हैं’ में रात 10ः30 बजे, हर सोमवार से शुक्रवार सिर्फ एण्डटीवी पर!”