प्रभास की आगामी फिल्म ‘आदिपुरुष’ की रिलीज छह महीने के लिए टाल दी गई है। निर्देशक ओम राउत ने बयान जारी कर इस बात की जानकारी दी है। मेकर्स द्वारा जारी किए गए स्टेटमेंट में लिखा है कि “आदिपुरुष के निर्माण से जुड़े लोगों को थोड़ा अधिक समय देने की आवश्यकता है।” बता दें कि पहले यह फिल्म जनवरी में रिलीज होने वाली था। हालांकि, आधिकारिक बयान के अनुसार अब यह फिल्म 16 जून, 2023 को सिनेमाघरों में दस्तक देगी।
मेकर्स ने क्या कहा?
आदिपुरुष के मेकर्स द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया है, ‘आदिपुरुष केवल एक फिल्म नहीं, प्रभु श्री राम के प्रति भक्ति व हमारे गौरवशाली इतिहास और संस्कृति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। दर्शकों के एक अद्भुत अनुभव देने के लिए, आदिपुरुष के निर्माण से जुड़े लोगों को थोड़ा अधिक समय देने की आवश्यकता है। आदिपुरुष अब जून 16, 2023 को प्रदर्शित होगी। हम एक ऐसी फिल्म बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं जिस पर संपूर्ण भारत को गर्व होगा। इस रामराज में आपका सहयोग, प्रेम और आशीर्वाद हमें सदैव प्रेरित करता रहा है और करता रहेगा।’
नितिन पुजारी ने प्रभाष की फिल्म आदिपुरुष पर जताई कड़ी आपत्ति, आक्रामक लहजे में कहा- अपने आदर्श का गलत चित्रण बर्दाश्त नहीं करेंगे
शाहरुख खान की फिल्म पठान के बाद अब प्रभाष और सैफ अली खान की फिल्म आदिपुरुष भी विवादों में आ गया है। इस फिल्म में भगवान राम, रावण और पवन पुत्र हनुमान के किरदारों की वेशभूषा में छेड़छाड़ करने का आरोप लगा है। राजस्थान के सलसर स्थित बाला जी मंदिर के 9 वीं पीढ़ी के पुजारी नितिन पुजारी ने कहा कि सिनेमा में लगातार हमारे आरध्य का गलत चित्रण किया जा रहा है, जो हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। धार्मिक आस्था और विश्वास के साथ छेड़खानी का अधिकार किसी को नहीं है। फिल्मों में इस तरह की परंपरा का चलन देश के लिए हानिकारक है। सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है। ऐसी फिल्मों और मेकर्स को बैन कर दिया जाना चाहिए।
नितिन पुजारी ने आक्रमक लहजे में कहा कि मेकर्स हमारे आराध्य का अपमान करना बंद करें, वरना अंजाम बुरा होगा। उन्होंने कहा कि 12 जनवरी को रिलीज होने वाली फिल्म आदिपुरुष में पवन पुत्र हुनमान को जिस तरह से दिखाया गया है, वो गलत है। उन्होंने कहा कि हाथ बज़्र और ध्वजा बिराजे…लेकिन इस फिल्म में कुछ और ही दिखाया गया है, जो भगवान हनुमान का निरादर है। आम जन सामान्य इसे कतई सहन नहीं करेगा।
उन्होंने कहा कि फिल्म में हनुमान जी के अंगवस्त्र चमड़े के दिखाए गए हैं, जबकि हनुमान चालीसा में वर्णित है- ‘कानन कुंडल कुंचित केसा, हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजे कांधे मूंज जनेऊ साजे’ यानी हनुमान जी के वस्त्रों तक का जिक्र है, लेकिन यह इन्होंने हनुमान जी को क्या पहना दिखाया है? उन्होंने कहा कि मेरे संज्ञान में फिल्म आदिपुरुष में भारतीय धार्मिक आस्थाओं के प्रतीकों का चित्रण जिस तरह से किया गया है, उस पर जन सामान्य को आपत्ति होना स्वाभाविक है। इसलिए इसमें सुधार हो, नहीं तो इसे बैन किया जाए।