Jaipur News: राजस्थान के मेयर मुनेश गुर्जर राज्य के एक प्रमुख कांग्रेस मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास (Pratap Singh Khachariyawas) के खिलाफ गंभीर आरोप लेकर सामने आए हैं। मेयर गुर्जर ने हाल ही में एक वीडियो जारी किया था, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि मंत्री खाचरियावास, पार्षद दशरथ सिंह के साथ मिलकर मेयर मुनेश द्वारा गोद ली गई एक बच्ची के पिता को लेकर उन पर दबाव बना रहे हैं.
इन आरोपों ने राजस्थान में राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है, मेयर ने कांग्रेस मंत्री पर अपने पद का इस्तेमाल कर व्यक्तिगत मामलों में हेरफेर करने और हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया है। मेयर गुर्जर द्वारा जारी किए गए वीडियो ने व्यापक विवाद खड़ा कर दिया है और दावों की गहन जांच की मांग की गई है।
मेयर गुर्जर के अनुसार, संबंधित बच्ची को उन्होंने कानूनी माध्यम से गोद लिया था। हालांकि उनका आरोप है कि मंत्री खाचरियावास और पार्षद सिंह उन पर बच्चे के जैविक पिता की पहचान उजागर करने का दबाव बना रहे हैं. मेयर का दावा है कि इस जानकारी को मांगने के पीछे उनके इरादे स्पष्ट नहीं हैं, और उन्हें गुप्त उद्देश्यों पर संदेह है।
वीडियो, जो तेजी से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गया, मेयर गुर्जर को मंत्री खाचरियावास और पार्षद सिंह के कथित हस्तक्षेप पर अपनी चिंता और निराशा व्यक्त करते हुए दिखाता है। वह इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हैं और मांग करते हैं कि आरोप साबित होने पर कांग्रेस पार्टी इसमें शामिल लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई करे।
वहीं राजस्थान कांग्रेस पार्टी ने मेयर गुर्जर के आरोपों पर हैरानी जताई है. उन्होंने उनसे अपने दावों के समर्थन में ठोस सबूत उपलब्ध कराने का आग्रह किया है और मामले की निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है। कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया है कि वे किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप या हेरफेर को बर्दाश्त नहीं करते हैं और इस मुद्दे को गंभीरता से संबोधित करेंगे।
आरोपों के जवाब में Pratap Singh Khachariyawas (मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास) ने किसी भी तरह की गड़बड़ी से साफ इनकार किया है. उन्होंने कहा है कि मेयर गुर्जर द्वारा किए गए दावे निराधार और राजनीति से प्रेरित हैं। पार्षद दशरथ सिंह ने भी आरोपों से इनकार किया है और कहा है कि उन पर लगाए गए आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है.
राजस्थान में सियासी माहौल गर्म होने के साथ ही निष्पक्ष जांच की मांग तेज हो गई है. नागरिकों और विपक्षी नेताओं ने मांग की है कि सच्चाई सामने लाई जाए और अगर गलत काम का कोई सबूत मिलता है तो उचित कार्रवाई की जाए। मेयर मुनेश गुर्जर और मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास दोनों की विश्वसनीयता दांव पर है और उनका राजनीतिक भविष्य जांच के नतीजे पर निर्भर हो सकता है।
मेयर गुर्जर द्वारा मंत्री खाचरियावास (Pratap Singh Khachariyawas) और पार्षद दशरथ सिंह पर लगाए गए आरोपों की छाया राजस्थान कांग्रेस पार्टी पर पड़ रही है. सामने आ रही घटनाओं पर जनता की पैनी नजर है, जो यह देखने के लिए उत्सुक हैं कि पार्टी इन गंभीर आरोपों पर क्या प्रतिक्रिया देती है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, राजस्थान के राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण घटनाक्रम देखने को मिलेंगे जो राज्य की राजनीतिक गतिशीलता को प्रभावित करेंगे।
जयपुर हेरिटेज नगर निगम की मेयर मुनेश गुर्जर ने अपनी ही सरकार के मंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मेयर ने एक ऑडियो जारी किया है, जिसमें वह रोते हुए प्रतापसिंह खाचरियावास और पार्षद दशरथ सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
मुनेश ने कहा, ‘अगर आपको मुझसे कोई लड़ाई लड़नी है। आमने-सामने आकर मुझसे लड़ाई लड़े। उस बच्ची को बख़्श दीजिए। उस बच्ची की हालत काफी खराब है। उन्होंने दोनों नेताओं पर उनकी गोद ली गई बच्ची के पिता पर दबाव बनाने का आरोप लगाया है।
मेयर ने कहा- सिर्फ अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए मंत्री और पार्षद दलित बच्ची के पिता को डराकर और प्रलोभन देकर मेरे खिलाफ एससी एसटी के बयान दिलवाना चाहते हैं। इनकी ये साजिश पहले ही फेल हो गई। ऐसे में अब इस पूरे मामले की में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा से शिकायत करूंगी।’
राजनीति के लिए दलित समाज का कर रहे इस्तेमाल
उन्होंने कहा- मैंने जिस बच्ची को गोद लिया उसका नाम इशिता है। वह दलित समाज से है, लेकिन मंत्री और पार्षद अब उसके परिवार पर दबाव डाल रहे हैं। उन्हें कई तरह के प्रलोभन भी दिए जा रहे हैं। कोई इतना नीचे कैसे गिर सकता है।
उस बच्ची के पिता को फोन कर दबाव में लिया जा रहा है, जबकि उस बच्ची की स्थिति काफी खराब है। फिलहाल वह बच्ची बेड रेस्ट पर है। कुछ लोग दलित समाज को इस्तेमाल कर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकना चाहते हैं।
मंत्री और पार्षद के कॉल डिटेल्स की हो जांच
मुनेश ने कहा- अगर किसी मंत्री या पार्षद को दलित समाज या किसी बच्ची की मदद करनी है तो मेरे वार्ड में काफी दलित बच्चे हैं। उन्हें मदद की जरूरत है। आप उन्हें गोद ले सकते हैं, इस तरह की ओछी राजनीति न करें। आज उसके पापा-मम्मी बच्ची की सेवा में जुटे हुए हैं तब मंत्री और पार्षद उन पर दबाव बना रहे हैं। उन्हें प्रलोभन देकर मेरे खिलाफ भड़काने की साजिश रच रहे हैं। इस मामले की जांच हाेनी चाहिए।
CM और प्रभारी से करूंगी शिकायत
मेयर ने कहा- मैं मंत्री और पार्षद से भी कहना चाहती हूं कि अगर आपको मुझसे कोई लड़ाई लड़नी है। आमने-सामने आकर मुझसे लड़ाई लड़ें, उस बच्ची को बख़्श दीजिए। उस बच्ची की हालत काफी खराब है। उसे देख रोना आ जाता है। मुझे लगता है कुछ लोग सिर्फ दलितों को माध्यम बनाकर राजनीति करने में जुटे हुए हैं। इसलिए मैं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा से इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करती हूं। आज तो सिर्फ इशिता के साथ ऐसा हो रहा है। भविष्य में न जाने कितनी दलित बच्चियों का राजनीतिक इस्तेमाल किया जाएगा।
(इशिता के पिता बनवारी और मेयर मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर की बातचीत। यह ऑडियो मेयर ने जारी किया है।)
- बनवारी (इशिता के पिता)- फोन आया था।
- सुशील गुर्जर (मेयर पति)- कौन?
- बनवारी (इशिता के पिता)- मंत्री जी के वहां से आया था। फोन पता नहीं किसी आदमी ने किया था। नाम तो नहीं बताया। पहले तो मैंने अननोन नंबर देखकर फोन नहीं उठाया। फिर जब मैंने फोन उठाया। तो मुझे बोल रहे थे की मंत्री जी। दशरथ से बात कर लो आप। फिर मैं बोला दशरथ से क्या बात करूंगा। मैटर क्या है, मुझे यह तो बताओ। फिर मैंने बोला मैं गाड़ी पर चल रहा हूं। बाद में बात करूंगा, यह बोलकर फोन काट दिया। फिर वापस उसी नंबर से दो तीन बार उनका फोन आया।
- सुशील गुर्जर (मेयर पति)- किसका फोन आया।
- बनवारी (इशिता के पिता)- दशरथ जी मेरे से बात कर रहे थे। फिर मैं बोला दशरथ जी बोल रहे हो आप। बोले हां। दशरथ जी बोले मंत्री जी आपसे बात करना चाहते हैं। मैंने उन्हें फिर से कहा भाई साहब मुझे यह तो बताओ आखिर मैटर क्या है। वह बोला कोई मैटर नहीं है। फिर मैंने उनसे कहा जब कोई मैटर ही नहीं है। आखिर बात क्यों करनी है।
- सुशील गुर्जर (मेयर पति)- क्या प्रताप जी से बात हुई क्या आपकी?
- बनवारी (इशिता के पिता)- नहीं मेरी प्रताप जी से बात नहीं हुई। वह बोल रहे थे। उनसे मिल लेना आप। फिर मैंने कहा अभी जॉब पर हूं, आपको फ्री होकर बता दूंगा। मेरी खाली इतनी ही बात हुई थी।
- सुशील गुर्जर (मेयर पति)- कोई बड़ी बात नहीं मंत्री जी से मिलना है। उसमें एक इशू है।
- बनवारी (इशिता के पिता)- मिलने की बात नहीं है। मेरा उनसे कोई मतलब नहीं है।
- सुशील गुर्जर (मेयर पति)- देखो अपना पारिवारिक संबंध है। अपन हमेशा साथ रहेंगे। इशिता की जिम्मेदारी मैंने संभाली है। भविष्य में भी संभालूंगा। उसकी शादी तक की जिम्मेदारी मेरी है। कुछ लोग आपको प्रलोभन देंगे। यह लो यह बयान दे दो, वो बयान दे दो। आपको जो अच्छा लगे आप वह करना। लेकिन मेरी गारंटी है। मैंने आपका पहले भी साथ दिया है। इशिता मेरी बच्ची की तरह है। यह आपको भी पता है। बस आप तो मुझसे रेगुलर मिलते रहा करो। नेतागिरी में कई बार ऐसा होता है। हम ही भूल जाएं, मान लीजिए। इसलिए आप मिलते रहा करो महीने के महीने। अभी तो बच्ची बेड रेस्ट पर है। कल मैं और मेयर साहब दोनों बच्चे से मिलने आएंगे। पैसे की जरूरत हो या फिर किसी डॉक्टर को फोन करना हो तो बस बता दिया करो।
- बनवारी (इशिता के पिता)- जी भाईसाहब।
- सुशील गुर्जर (मेयर पति)- बनवारी बेटा हमारी रोज की स्थिति अलग होती है। आज की स्थिति तो ऐसी है। अब तक रोटी भी नहीं खाई है। बेटा आकर मिला कर। एक बात बता तू इशिता को महीने के महीने लेकर आता है। उसकी शक्ल देखते ही मुझे मजा आ जाता है। कल आ जाना एक बार घर आ जाना। फिर देखते हैं। इस विषय पर क्या आगे करना है। क्या मेडिकल का करना है। या फिर क्या आगे कराना है।
- बनवारी (इशिता के पिता)- नहीं कल तो नहीं शाम तक आना होगा मेरा।
- सुशील गुर्जर (मेयर पति)- ठीक है शाम को आ जाना।
मेयर बोलीं- मैं ऑडियो की पुष्टि करती हूं
ऑडियो को लेकर नगर निगम हेरिटेज की मेयर मुनेश गुर्जर ने कहा कि बच्ची के पिता बनवारी के पास फोन आया है। जिसमें साफ सुनाई दे रहा है मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और पार्षद दशरथ जी के बारे में। ये नीचले स्तर की राजनीति है। इशिता मेरे परिवार की बच्ची है, उसके ऊपर दबाव बनाया जा रहा है। यह दबाव प्रलोभन का भी हो सकता है। राजनीति से ऊपर उठना चाहिए। वो बच्ची बेडरेस्ट पर है। इस ऑडियो की मैं पुष्टि करती हूं, इसकी जांच होनी चाहिए।
लाइलाज बीमारी से ग्रसित इशिता
दरअसल, इशिता जन्म से ही यूरिनल संबंधी लाइलाज बीमारी से जूझ रही है। उन्हें पिता बनवारी ने बताया कि उनके दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी अनिशा 12 साल की है। इशिता 9 साल की है। वह बचपन से ही ना सुन सकती है और ना ही बोल सकती है।
बनवारीलाल खुद एक निजी कंपनी में संविदा पर जयपुर में ही बागवानी का काम करते हैं। कभी मजदूरी करते हैं। सैलेरी इतनी नहीं है कि इशिता की बीमारी और घर खर्च उठा सकें। इशिता के तीन ऑपरेशन हो चुके हैं। फ़िलहाल उनका एसएमएस अस्पताल में इलाज चल रहा है।
मेयर मुनेश ने इशिता को लिया था गोद
30 दिसंबर 2020 को जयपुर नगर निगम हेरिटेज की मेयर मुनेश गुर्जर सोढाला में दौरे पर निकली थीं। वहां रामराजपुरा काॅलोनी का निरीक्षण करते वक्त वहां रहने वाले बनवारी लाल के घर पहुंचीं। तब बनवारी और उनकी पत्नी ने मेयर मुनेश गुर्जर को बताया कि उसकी मासूम बच्ची एक दुर्लभ बीमारी से ग्रसित है।
आर्थिक रूप से कमजोर होने की वजह से इलाज में दिक्कत आती है। तब मुनेश गुर्जर ने इशिता के पापा से बातचीत कर उसे 1 जनवरी 2021 को गोद ले लिया था। तब से वह इशिता के इलाज का खर्चा उठा रही हैं। उन्होंने इशिता का बर्थडे भी मनाया था, जिसमें बड़ी संख्या में राजनेता भी शमिल हुए थे।