Brij Bhushan Sharan Singh: भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह को बड़ी राहत मिलती नजर आ रही है। सूत्रों के अनुसार, बीजेपी सांसद के खिलाफ नाबालिग महिला पहलवान ने अपना केस वापस ले लिया है। सूत्रों के अनुसार, 2 जून को नाबालिग महिला पहलवान ने पटियाला हाउस कोर्ट जाकर केस वापस लिया। इस दौरान उसके पिता और दादा भी मौजूद थे। हालांकि इस संबंध में अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
यौन शोषण मामले में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया समेत कई पहलवान पिछले दो महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं। नाबालिग पहलवान ने दिल्ली पुलिस में मामला दर्ज कराया था। यह केस पॉक्सो ऐक्ट के तहत दर्ज हुआ था।
Brij Bhushan Singh पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली नाबालिग महिला Wrestler ने ली शिकायत वापस- सूत्र
दिल्ली के जंतर-मंतर पर महिला पहलवानों के धरने में राजनीति भी जमकर हुई थी। पहलवान ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाया था। पहलवानों की शिकायत पर दिल्ली पुलिस में मामला दर्ज किया था। नाबालिग महिला पहलवान की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पाक्सो एक्ट में मामला दर्ज किया था। अब सूत्रों के हवाले से खबर है कि नाबालिग महिला पहलवान अपने बयान से पलट गई है।
‘मेरे साथ कभी नहीं हुआ यौन उत्पीड़न’ – नाबालिग रेसलर
सूत्रों के मुताबिक 2 जून को नाबालिग महिला पहलवान ने पटियाला हाउस कोर्ट से अपनी शिकायत वापस ली है। कोर्ट में नाबालिग पहलवान के साथ पिता और दादा दोनों मौजूद थे। सूत्रों के अनुसार मंगलवार को नाबालिग पहलवान ने कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन में अपनी शिकायत वापस लेने के लिए अपने पिता और दादा के साथ बयान दर्ज कराए थे। उसके बाद कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराकर अपनी शिकायत वापस ली।
सूत्रों की माने तो नाबालिग महिला पहलवान ने कोर्ट में कहा कि उनके साथ बृजभूषण शरण सिंह ने कभी यौन उत्पीड़न किया ही नहीं। अब सवाल उठ रहे हैं कि नाबालिग महिला पहलवान के शिकायत वापस लेने के बाद पहलवानों के प्रदर्शन का क्या होगा?
मुझ पर झूठे आरोप लगाए गए हैं: बृजभूषण शरण सिंह
बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह खुद पर लगे आरोपों को शुरू से ही गलत बता रहे हैं। उन्होंने पहलवानों के प्रदर्शन को राजनीति से प्रेरित बताया था। बृजभूषण सिंह ने खुद पर लगे आरोप पर कहा था कि वो दुनिया की हर जांच के लिए तैयार हैं। उन्हें खुद पर भरोसा है, वो निर्दोष हैं। उन्होंने कहा था कि मुझे दिल्ली पुलिस की जांच पर भरोसा है। लेकिन जिस दिन दिल्ली पुलिस अपनी जांच पूरी करेगी, ये लोग उसपर भी सवाल खड़े करेंगे।
बृजभूषण शरण सिंह मामले में नया मोड़: पहलवानों के खिलाफ जा सकता है मामला; दर्ज होगा मुकदमा! पुलिस को मिले ये सबूत
भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों के यौन शोषण का मुकदमा दर्ज कराने के मामले में कई रहस्यों से पर्दा उठना अभी बाकी है। लिस सूत्रों के अनुसार यह मामला पहलवानों के ही खिलाफ जा सकता है।
भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों के यौन शोषण का मुकदमा दर्ज कराने के मामले में कई रहस्यों से पर्दा उठना अभी बाकी है। एक माह से अधिक समय से जांच के बाद भी दिल्ली पुलिस की एसआईटी को ऐसे सुबूत नहीं मिले हैं, जिनसे बृजभूषण पर लगाए आरोप ठोस तरीके से साबित हो रहे हों।
नाबालिग बताने के लिए फर्जी दस्तावेज बनाए गए
पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह मामला पहलवानों के ही खिलाफ जा सकता है। नाबालिग बताई जा रही शिकायतकर्ता के बालिग होने के साथ यह भी पता चला है कि उसे नाबालिग बताने के लिए फर्जी दस्तावेज बनाए गए। इस आधार पर बृजभूषण के खिलाफ छेड़खानी व पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया।
सूत्रों के अनुसार, फर्जी दस्तावेज सौंपने के मामले में पुलिस कुछ पहलवानों के खिलाफ फर्जीवाड़ा व आपराधिक साजिश रचने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर सकती है। एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि एसआईटी यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि पहलवानों ने बृजभूषण की हरकतों से तंग आकर खुद पुलिस में शिकायत की या किसी राजनीतिक व्यक्ति व अन्य के उकसावे में बृजभूषण को महासंघ के अध्यक्ष पद से हटवाने के मकसद से ऐसा किया गया।
सूत्रों के मुताबिक, यौन शोषण मामले को लेकर एसआईटी ने राउज एवेन्यू कोर्ट में जांच से संबंधित अब तक दो स्टेटस रिपोर्ट सौंपी है। इनमें बताया है कि दिल्ली समेत कई राज्यों में जाकर जांच की गई। कर्मचारियों के बयान दर्ज किए गए। अधिकतर गवाहों ने छेड़खानी से संबंधित जानकारी होने से इन्कार किया है।
FIR इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित तमाम दबाव के बावजूद पुलिस सांसद बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार नहीं कर रही है। माना जा रहा है कि ठोस सुबूत न मिलने के कारण पुलिस गिरफ्तारी को लेकर निर्णय नहीं ले पा रही है। शुक्रवार को पहलवानों के अधिवक्ता द्वारा इंटरनेट मीडिया पर यौन शोषण से संबंधित एफआईआर प्रसारित किए जाने पर पुलिस प्रवक्ता ने एतराज जताया है।
प्रवक्ता का कहना है कि एसआइटी अभी मामले की जांच कर रही है। यौन शोषण की एफआइआर को प्रसारित नहीं किया जाना चाहिए। उधर, जंतर-मंतर पर हंगामा करने के मामले में जिन 109 पहलवानों, आयोजकों व उनके समर्थकों के खिलाफ संसद मार्ग थाना पुलिस ने दंगा करने की धाराओं में एफआइआर की है, उसकी जांच अभी शुरू नहीं की गई है।
बृजभूषण शरण सिंह ने बताया था राजनीति से प्रेरित
इससे पहले बृजभूषण शरण सिंह ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा था कि ‘मैंने पिछले 28 सालों से सांसद के रूप में सेवा की है। सत्ता और विपक्ष में रहते हुए सभी जातियों, समुदायों और धर्मों के लोगों को एकजुट करने का प्रयास किया है। इन्हीं कारणों से मेरे राजनीतिक विरोधियों और उनकी पार्टियों ने मुझ पर झूठे आरोप लगाए हैं।’ बृजभूषण ने आरोप लगाए कि कुछ राजनीतिक दल जगह-जगह रैलियां कर प्रांतवाद, क्षेत्रवाद और जातीय संघर्ष को बढ़ावा देकर सामाजिक समरसता को भंग करने की कोशिश कर रहे हैं।